डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि दो हजार रुपए तक की कैशलेस खरीदारी पर उपभोक्ता को अतिरिक्त शुल्क नहीं चुकाना होगा। इतनी रकम की खरीदारी पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) का वहन दो साल तक सरकार करेगी।
केंद्रीय कैबिनेट में बुधवार को यह फैसला किया। फिलहाल, रिजर्व बैंक ने दो हजार रुपए के डेबिट कार्ड लेन-देन पर 0.75 फीसद का एमडीआर तय कर रखा है। दो हजार और उससे ज्यादा पर एक फीसद शुल्क लिया जाता है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बैंकों और व्यापारियों को एमडीआर का भुगतान करेगी। डेबिट कार्ड, आधार के जरिए भुगतान, यूपीआई (भीम ऐप) से भुगतान पर यह व्यवस्था लागू होगी।