Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भारत को किसी एक व्यक्ति ने आजादी नहीं दिलाई, संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान

Advertiesment
हमें फॉलो करें RSS chief Mohan Bhagwat

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 8 जून 2025 (09:48 IST)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को नागपुर में देश की आजादी को लेकर एक बयान दिया है। बयान सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब इसे लेकर तमाम तरह की बहस भी शुरू हो गई है। दरअसल, संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह में शिरकत की थी।

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की आजादी का श्रेय कोई एक इकाई नहीं ले सकती, बल्कि सभी के समर्पण से भारत को आजादी मिली है। उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति के बाद पूरे देश में भारत की आजादी को लेकर लपटें भड़क उठीं। आलोचकों ने कहा कि RSS का उद्देश्य भारत को अंग्रेजों से आजादी नहीं बल्कि एक हिंदू राष्ट्र बनाना था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की आजादी असंख्य लोगों और समूहों की मेहनत का परिणाम है।

क्या आलोचकों को दिया जवाब : दरअसल, भागवत ने उन आलोचकों के सवालों का जवाब दिया, जो लंबे समय से कह रहे थे कि RSS ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग नहीं लिया था। हालांकि RSS के समर्थक हमेशा से इस बात को खारिज करते आए हैं। RSS प्रमुख ने कहा कि भारत की आजादी किसी एक की नहीं, बल्कि भारत के प्रत्येक नागरिक के समूह की मेहनत का फल है।

यह किसी एक व्यक्ति के कारण नहीं हुआ : उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन 1857 के विद्रोह से शुरू हुआ, जिसने एक संघर्ष को जन्म दिया। इसी संघर्ष के कारण भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली। उन्होंने कहा कि देश को अपनी आजादी कैसे मिली, इस चर्चा में अक्सर एक महत्वपूर्ण सच्चाई को नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह किसी एक व्यक्ति के कारण नहीं हुआ। बल्कि 1857 के बाद पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम की लपटें भड़क उठीं, जिसकी वजह से आज भारत को आजादी मिली है।

भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना था उद्देश्य : RSS के आलोचकों ने एमएस गोलवलकर की बात का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन का विरोध कर उसे अस्थायी कहा था। उनका मानना था कि असली आंतरिक दुश्मनों से लड़ने की जरूरत है। आलोचकों ने कहा कि गोलवलकर का यह बयान बताता है कि उनकी प्राथमिकता अंग्रेजों से लड़ने की नहीं थी। बल्कि भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाना उनका उद्देश्य था, जो इसे तत्कालीन छत्र संगठन कांग्रेस के तहत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय आंदोलन के साथ जोड़ता है।

भागवत से पूछा गया कि RSS में सर्वोच्च पद किसका है? इस बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि RSS में सर्वोच्च पद सामान्य स्वयंसेवक का है। संघ में कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा संघ निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करता है। उन्होंने RSS की खूबियों और खामियों की चर्चा करते हुए कहा कि कई लोग इससे परिचित नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे संगठन को समझने के लिए समय निकालते है, वे अक्सर कहते हैं कि वे इससे प्रभावित होते हैं और बताते हैं कि उन्होंने RSS से बहुत कुछ सीखा है। भागवत ने कहा कि RSS की ताकत उनके संगठन में काम करने वाले लोग हैं। 
Edited By: Navin Rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कोलंबिया में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के सिर में मारी गोलियां, शूटआउट का वीडियो वायरल