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केरल में अब Norovirus, 2 मामले मिले, क्या है Norovirus और कितना खतरनाक?

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हमें फॉलो करें केरल में अब Norovirus, 2 मामले मिले, क्या है Norovirus और कितना खतरनाक?
, सोमवार, 6 जून 2022 (09:14 IST)
नई दिल्ली, कोरोना वायरस के बाद अब Norovirus ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। यह नया वायरस अब केरल सरकार के लिए भी टेंशन बन गया है। केरल के दो बच्चों में नोरोवायरस मिला है, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी पुष्टि की है।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग स्थिति का आंकलन कर रहा है, चिंता की जरूरत नहीं है। बच्चों की हालत स्थिर है। नोरोवायरस एक बेहद संक्रामक बीमारी है, जो आमतौर पर दूषित पानी, दूषित खाने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।

नोरोवायरस का नया संक्रमण तिरुअनंतपुरम के विहिंजम में सामने आया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि जिन जगहों पर बच्चों में संक्रमण मिला है, वहां के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।

बीमारी को फैलने से रोकने के इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं। ये संक्रमण लोअर प्राइमरी स्कूल के दो छात्रों में मिला है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि स्कूलों में जो मिड डे मील बांटा गया था, उसे खाने से छात्रों में फूड प्वाइजनिंग हुई है।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग और जनरल एजुकेशन व सिविल सप्लाई विभाग ने रविवार को उच्च स्तरीय बैठक करके बीमारी को फैलने से रोकने के उपायों का ऐलान किया। इनमें मिड डे मील को तैयार करने में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना, पानी के टैंकों की सफाई और स्टाफ को जागरुक करना शामिल है।

कैसे फैलता है ये वायरस?
नोरोवायरस आमतौर पर दूषित पानी, दूषित खाने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इसके शुरूआती लक्षण उलटी और दस्त होते हैं, जो वायरस के संपर्क में आने के एक या दो दिन बाद शुरू होते हैं। मरीज को उलटी जैसा अहसास होता और पेट में दर्द, बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द महसूस होता है। ये वायरस बार-बार व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है क्योंकि इसके बहुत सारे वैरिएंट होते हैं।

इस वायरस पर कीटाणुनाशक भी काम नहीं करते और ये 60 डिग्री के तापमान पर भी जिंदा रह सकता है। हालांकि उबालने या क्लोरीन डालने से इस वायरस को नहीं मारा जा सकता है। ये वायरस हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल के बावजूद जिंदा रह सकता है।

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