असम में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को और बिगड़ गई, जिसमें छह और लोगों की मौत हो गई, जिससे इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 17 हो गई। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। इसमें कहा गया है कि राज्य में 21 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 6.33 लाख से अधिक हो गई।
इसमें कहा गया है कि राज्य में सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसमें हैलाकांडी जिले के मतिजुरी में कटाखाल नदी भी शामिल है, जो बाढ़ के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली और उन्हें केंद्र सरकार की ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।
शर्मा ने दिन में सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिलों में से एक- कछार जिले- का दौरा किया और प्रभावित लोगों को समयबद्ध सहायता का आश्वासन दिया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से सावधानी बरतने तथा स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करने का आग्रह किया।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में कहा गया है कि सोमवार से अब तक छह मौतें हुई हैं, जिनमें हैलाकांडी, श्रीभूमि, मोरीगांव, कछार, सोनितपुर और तिनसुकिया में एक-एक मौत शामिल है। इनके साथ ही बाढ़ और भूस्खलन से अब तक मरने वालों की संख्या 17 हो गई है।
मणिपुर में भी हालात बेकाबू
मणिपुर में मंगलवार को बाढ़ की स्थिति से हालात और खराब हो गये तथा राज्य में भारी बारिश के बाद कई नदियों के उफान पर होने एवं तटबंधों के टूटने से 1.64 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बाढ़ के पानी में बहे एक व्यक्ति का शव इंफाल पश्चिम जिले में दिन में बरामद किया गया। सोमवार को आई आपदा से 56,000 लोग प्रभावित हुए। मंगलवार को हालांकि इंफाल घाटी के जिलों में बहने वाली नदियों का जलस्तर काफी कम हो गया, लेकिन इंफाल पूर्वी जिले के कई इलाके चौथे दिन भी जलमग्न रहे। बाढ़ से कम से कम 1,64,879 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 35,143 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 643 इलाके प्रभावित हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर इंफाल पूर्वी जिले में हैं, जबकि 82.79 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र जलमग्न हो गया है। बाढ़ प्रभावित कम से कम 3,917 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 77 राहत शिविर स्थापित किये गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि नदी के पानी में बह जाने के बाद से लापता 57-वर्षीय व्यक्ति का शव इंफाल पश्चिम जिले में स्वयंसेवकों ने बरामद किया। उन्होंने बताया कि पिछले चार दिनों में पूरे राज्य में भूस्खलन की 102 घटनाएं हुई हैं। मंगलवार को हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।
बाढ़ के कारण पिछले चार दिनों से इंफाल पूर्वी जिले के बड़े इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित है, जबकि निवासियों को पीने योग्य पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इंफाल पूर्वी जिले में बाढ़ आने के कारण कोंगबा उप-बिजली स्टेशन को आपात स्थिति में बंद कर दिया गया, जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि उपायुक्त कार्यालय और इंफाल पूर्वी थाना सहित जिले के सभी कार्यालयों में बिजली आपूर्ति बाधित है। इस बीच, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को मणिपुर में दो राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की।
उन्होंने कांगपोकपी जिले में नगाहमुन राहत शिविर का दौरा किया और नए लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड सौंपे। शिविर में रहने वाले लोगों ने जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। मोहन ने उन्हें आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन के साथ घनिष्ठ समन्वय से पुनर्वास योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma