नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ छह वामपंथी दलों सहित कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), तृणमूल कांग्रेस आदि विपक्षी दलों द्वारा भारत बंद का आह्वान किए जाने के बावजूद देशभर के सभी व्यापारिक, सरकारी और निजी संस्थान खुले रहे। रेल और बस व्यवस्था भी सुचारू रूप से संचालित होती रही। कुल मिलाकर विपक्ष द्वारा भारत बंद को जनता ने नकार दिया।
केंद्र की मोदी सरकार के नोटबंदी फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को 'जन आक्रोश दिवस' का आयोजन किया है। इससे पहले ममता बनर्जी और वामदलों द्वरा बुलाए गए भारत बंद का कांंग्रेस ने समर्थन किया था लेकिन हवा का रुख भांपते हुए उनने बंद से इनकार कर दिया और नोटबंदी के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन की अपील की गई है।
पहले विपक्ष द्वारा इस दिन देशव्यापी बंद के अह्वान की खबरें सामने आ रही थी लेकिन बाद में विपक्ष स्पष्ट कर दिया कि उनकी योजना सिर्फ धरना प्रदर्शन करने की है, ना की बंद बुलाने की। नोटबंदी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए माकपा और भाकपा सहित वामपंथी पार्टियों ने पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। हरियाणा में एनएलडी भी बंद के समर्थन में है।
विपक्ष का बंद पर मतभेद : नोटबंदी को लेकर विपक्षी पार्टियों में से कुछ ने ऐन वक्त पर भारत बंद के समर्थन से अपने हाथ खींच लिए। अब उन्होंने इस मुद्दे पर देशभर में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने जन आक्रोश दिवस मनाने का फैसला किया है तो कई बड़े मजदूर संगठनों ने हड़ताल का एलान। विपक्षी नेताओं ने कहा कि हमने भारत बंद नहीं बुलाया है, हमने आक्रोश दिवस का एलान किया है। लेफ्ट ने बंगाल, त्रिपुरा और केरल में भारत बंद का एलान किया है। भारत बंद को लेकर केरल में एलडीएफ और कोलकाता में सीपीआई और सीपीएम के साथ-साथ तृणमूल कांग्रेस ने विरोध मार्च निकाला। इस मार्च में खुद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने हिस्सा लिया।
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी ना तो सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने नोटबंदी को लेकर आज कोई बंद बुलाया है, ना ही मजबूत जनाधार वाली मायावती भारत बंद के साथ खड़ी हैं। दिल्ली में भी आज कोई बंद नहीं है, आम आदमी पार्टी सिर्फ जिला मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया। नोटबंदी का सबसे ज्यादा विरोध करने वाली ममता बनर्जी भी भारत बंद में शामिल नहीं हुई।
हरियाणा में ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल ने भारत बंद का समर्थन किया। दक्षिण के बड़े राज्यों कर्नाटक और तमिलनाडु में भी बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला है। तमिलनाडु में करुणानिधि की पार्टी डीएमके ने केन्द्र सरकार के कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके इस विरोध में शामिल नहीं हुई। ओडिशा में भी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार में मुख्यमंत्री नितिश कुमार नोटबंदी का समर्थन कर चुके हैं, इसलिए यहां भी बंद का कोई असर नहीं रहा।
दिल्ली में विरोध प्रदर्शन : राष्ट्रीय राजधानी में विपक्षी दलों ने नोटबंदी के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया जिससे कई इलाकों में यातायात जाम हो गया। माकपा और भाकपा सहित सभी वामपंथी दलों ने नोटबंदी के खिलाफ मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक जुलूस निकाला। कांग्रेस की एनएसयूआई शाखा ने रायसीना रोड से संसद तक विरोध मार्च की योजना बनाई थी लेकिन पुलिसकर्मियों ने इलाके में बैरीकेडिंग कर दी और उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर प्रहार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र के निर्णय से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कल 'मन की बात' में कहा था कि कैशलेस समाज होना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, 'प्रधानमंत्री को जानना चाहिए कि कितने लोगों के पास बैंक खाते हैं और कितने लोग क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।' दिल्ली यातायात पुलिस ने कहा कि विपक्षी दलों के विरोध के कारण कनॉट प्लेस के इनर सर्किल में वाहनों की संख्या काफी ज्यादा थीं।
उत्तर प्रदेश में बंद रहा बेअसर : केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ छह वामपंथी दलों के सोमवार को भारत बंद और कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जन आक्रोश दिवस के एलान का उत्तरप्रदेश में कोई खास असर नजर नहीं आया। इस अवधि में दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान आमतौर पर खुले रहे।
कानपुर : कांग्रेस पार्टी के जन आक्रोश दिवस पर बाजार बंदी का औद्योगिक शहर कानपुर पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। कुछ इलाकों में जरूर कुछ दुकानें बंद देखी गयीं। व्यापारी नेताओं का कहना है कि नोटबंदी की वजह से पहले से ही व्यापार चौपट हुआ पड़ा है तथा अब वे बंद के चक्कर में और परेशानी में नहीं पड़ना चाहते।
लखनऊ : केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ छह वामपंथी दलों के सोमवार को भारत बंद और कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जन आक्रोश दिवस के एलान का उत्तरप्रदेश में कोई खास असर नजर नहीं आया। इस अवधि में दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान आमतौर पर खुले रहे।
सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद में थोडी देर ट्रेन रोककर और मोदी का पुतला फूंककर नोटबंदी के फैसले की मुखालफत की। सपा कार्यकर्ताओं ने मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन की वजह से थोडी देर रेल यातायात बाधित हुआ। लखनऊ में बाजार आमतौर पर खुले रहे। हजरतगंज, अमीनाबाद और चौक इलाके में छिटपुट दुकानें बंद दिखीं लेकिन ज्यादातर व्यापारिक प्रतिष्ठान रोज की तरह समय पर खुले। कांग्रेस, सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बंद से अपने को अलग रखा और विरोध में केवल आक्रोश दिवस मनाया। कांग्रेस ने नोटबंदी के फैसले के खिलाफ लखनऊ के जीपीओ से शहीद स्मारक तक मार्च निकाला।
पंजाब में भी बंद रहा बेअसर :
जालंधर : पंजाब के जालंधर में आज बेसर रहा और सभी वाणिज्यिक तथा वित्तीय प्रतिष्ठान खुले हैं। सरकारी कार्यालयों में कामकाज भी सुचारू रूप से हो रहा है। परिवहन व्यवस्था पर भी बंद का कोई असर नहीं दिखा है। विपक्ष का भारत बंद जालंधर में पूरी तरह बेअसर दिखा। दो दिन के अवकाश के बाद बैंकों में भी कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है। अन्य सरकारी और निजी वित्तीय संस्थान तथा वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में भी रोजाना की तरह काम चल रहा है। सरकारी तथा निजी स्कूल एवं कालेज तथा अन्य शैक्षिक संस्थान भी खुले हैं। बसें भी चल रही हैं। रेलवे स्टेशनों पर भी गाड़ियों के परिचालन में कोई बाधा नहीं आई है।
बंगाल में भी बंद रहा बेअसर : तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों का राज्यभर में 12 घंटे का बंद का ऐलान किया गया था लेकिन शुरुआती कुछ घंटों में सामान्य जनजीवन पर खास असर पड़ता नहीं दिखा। सड़कों पर सरकारी बसें और अन्य निजी वाहन उतरे। हालांकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस इस बंद में शामिल नहीं हुई, लेकिन उनकी पार्टी ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन जरूर किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंद का विरोध किया है। उन्होंने कहा, सोमवार को हम नोटबंदी के खिलाफ विरोध मार्च निकालेंगे। टीएमसी का कहना है कि जब लोग पहले ही नगदी की कमी के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं ऐसे में वह उन्हें और तकलीफ देने के खिलाफ है।
तेलंगाना, त्रिपुरा, बिहार में भी बंद रहा बेअसर : बंगाल के अलावा त्रिपुरा, केरल और बिहार के कई जगहों से वाम दलों की प्रदर्शन की खबरें है। बिहार में नोटबंदी के खिलाफ वामदलों ने सोमवार को बिहार बंद बुलाया। इसका असर आज सुबह पटना के डाकबंगला चौराहे से एआईटीयूसी के कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान तक मार्च निकालकर देखने को मिला। वहीं, तारेगना स्टेशन पर ट्रेन को रोक बंद के समर्थकों ने अपना रोष जताया। एआईएसएफ और जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटना में राजेंद्रनगर टर्मिनल पर ट्रेन को रोकी। सीतामढ़ी में बंदी को लेकर कांग्रेसी सड़क पर उतर विरोध जताते नजर आए।
* राजस्थान में बंद असफल : राजस्थान में नोटबंदी को लेकर समूचे राजस्थान में आहूत बंद पूरी तरह असफल रहा ओैर शहर के सभी बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान सामान्य तौर पर खुले रहे। राजधानी जयपुर में सवेरे से ही बाजार सामान्य दिनों की तरह खुले और सड़कों पर आम दिनों की तरह ही यातायात रहा। शहर में कहीं पर भी बंद समर्थकों को दुकानें और व्यवसाय बंद कराते नही देखा गया। वामपंथी दलों द्वारा बंद की अपील बेअसर रही। वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक पर एकत्रित होकर मोदी सरकार द्वारा जबरन 'नोटबंदी' के खिलाफ 'आक्रोश दिवस' मनाया तथा रैली निकाली।
* त्रिपुरा में जनजीवन प्रभावित : त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के हड़ताल के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के विरुद्ध वाम दलों की अगुवाई में यहां हड़ताल का लोगों के जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। हड़ताल की वजह से रेलवे समेत यातायात व्यवस्था और व्यावसायिक प्रतिष्ठान और अधिकतर शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।
* बिहार में आंशिक असर : नोटबंदी को लेकर वामदलों के आह्वान पर देशव्यापी बंद का बिहार में आंशिक असर देखा जा रहा है। राजधानी पटना में बंद का कोई खास असर नहीं देखा गया। राजधानी के सभी सरकारी और निजी स्कूल, बैंकों तथा सरकारी दफ्तर खुले हुए हैं। सड़कों पर भी वाहन आम दिनों की तरह चल रहे हैं। हालांकि वामपंथी दलों के समर्थकों ने शहर के प्रमुख डाकबंगला चौराहा से जुलूस निकाला और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी राजधानी पटना में आक्रोश मार्च निकाला और डाकबंगला चौराहा पहुंचने के बाद नारेबाजी की।
बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू विरोध प्रदर्शनों में शामिल नहीं होगी क्योंकि नीतीश कुमार ने 500 और 1000 रु के नोट बंद करने का समर्थन किया है और कहा है कि नोटबंदी से काले धन के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।
बिहार के दरभंगा के लहरियासराय स्टेशन पर भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने रेल चक्का जाम किया। भाकपा माले कार्यकर्ता ट्रेन के सामने खड़े हो गए. नोटबंदी के ख़िलाफ़ विपक्षी पार्टियों के विरोध प्रदर्शन पर बीजेपी ने कहा है कि नोटबंदी के फैसले पर आम जनता हमारे साथ है. बीजेपी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों का विरोध प्रदर्शन सफल नहीं होगा और कांग्रेस भारत बंद से पहले ही पीछे हट चुकी है।
लेफ्ट ने कुछ राज्यों में बंद बुलाया है लेकिन कांग्रेस से लेकर तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी, जेडीयू समेत ज्यादातर विपक्षी दल बंद का हिस्सा नहीं है। लेकिन नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आद देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगी।