नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में महिला के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की याचिका पर महिला और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में विजयवर्गीय एवं आरएसएस के 2 कार्यकर्ता डॉ. जिष्णु बसु और प्रदीप जोशी भी आरोपी हैं।
इसके साथ ही जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि ने कलकत्ता हाईकोर्ट को विजयवर्गीय को गिरफ्तारी से संरक्षण को आगे बढ़ाने पर विचार करने के लिए भी कहा है। हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में महिला शिकायतकर्ता की भी सुनवाई जरूरी है। अब 16 नवंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 14 अक्टूबर के आदेश के तहत आरोपी व्यक्तियों को 25 अक्टूबर तक अग्रिम जमानत दी थी।
विजयवर्गीय की ओर से अपनी सफाई में कहा गया कि शुरुआत में यौन शोषण के आरोप नहीं थे। इन आरोपों को बाद में जोड़ा गया। अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई जारी रख सकता है। वो विजयवर्गीय व अन्य 2 को गिरफ्तारी से संरक्षण आगे बढ़ा सकता है।
क्या हैं आरोप : पीड़ित महिला ने आरोप लगाया था कि विजयवर्गीय ने उसे अपने फ्लैट पर बुलाया था। इसके बाद उसके साथ आरोपियों ने दुष्कर्म किया। बाद में उसे दयनीय हालत में फ्लैट छोड़ने के लिए विवश किया गया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसे और उसके बेटे को जान से मारने की धमकी भी दी थी।