drone blood supply: नई दिल्ली। पूरे देश में अब ड्रोन (drones) के जरिए रक्त की आपूर्ति करने का सपना जल्द ही हकीकत में तब्दील हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) ने गुरुवार को अपनी आई-ड्रोन (i-Drone) पहल के तहत ड्रोन के जरिए ब्लड बैग की आपूर्ति का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
यह पहल भारत में ड्रोन पारिस्थतिकी का विस्तार करने के राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है। आईसीएमआर ने सबसे पहले दूरदराज के इलाकों तक टीका पहुंचाने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान आई-ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि आज, हम रक्त तथा रक्त से संबंधित उत्पाद भेज रहे हैं जिन्हें कम तापमान पर रखा जाता है। इस प्रयोग के बाद हमने पाया कि हम न केवल तापमान बनाए रख सकें बल्कि उत्पादों को कोई नुकसान भी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि हमने एक एम्बुलेंस के जरिए एक अन्य नमूना भेजा और अगर दोनों तरीकों का इस्तेमाल कर भेजे गए नमूनों में कोई अंतर नहीं है तो फिर पूरे भारत में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। बहल ने कहा कि डिजीटलीकरण के साथ टीकों के प्रभावी निर्माण और त्वरित आपूर्ति प्रणाली विकसित होने से भारत ने एक साल के भीतर 90 फीसदी कवरेज हासिल की।
आईसीएमआर, दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज तथा नोएडा के जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रयासों से देश में पहली बार का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार परीक्षण के तौर पर ड्रोन गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज तथा लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के बीच 10 यूनिट रक्त लेकर गया।
घाना तथा अमेरिका समेत कुछ देश ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक रक्त, टीके, दवाइयां, चिकित्सा सामान तथा कई बार मानव अंगों की आपूर्ति के लिए ड्रोन का पहले से ही इस्तेमाल कर रहे हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta