नई दिल्ली। एआईसीटीई का यह फैसला इंजीनियरिंग का सपना देखने वाले उन छात्रों के लिए राहत भरा हो सकता है जिनकी अंग्रेजी ज्यादा अच्छी नहीं है। एआईसीटीई ने हिन्दी समेत 8 भाषाओं पढ़ाई की अनुमति दे दी है।
अब तो अंग्रेजी के अलावा हिंदी, मराठी, गुजराती, बंगाली, तेलुगु, तमिल, गुजराती, कन्नड़ और मलयालम में भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो सकेगी।
सरकार का मानना है कि स्थानीय भाषा में पढ़ाई से बच्चे सभी विषयों आसानी से बेहतर तरीके से सीख सकते है। वहीं दूसरी भाषा में पढ़ाई से उन्हें दिक्कत होती है। इस कदम से विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के उम्मीदवारों को अपने सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी।
एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा, हमने भविष्य में 11 और भाषाओं में इंजीनियरिंग स्नातक पाठ्यक्रम पेश करने की योजना बनाई है। एआईसीटीई इन सभी भाषाओं में पाठ्यक्रम सामग्री की पेशकश कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि जर्मनी, फ्रांस, रूस, जापान और चीन जैसे कई उन्नत देश अपनी आधिकारिक भाषाओं में पूरी शिक्षा प्रदान करते हैं।