कोलकाता। चक्रवातीय तूफान 'यास' द्वारा पश्चिम बंगाल में तबाही मचाए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि त्रासदी में राज्य को करीब 15 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। साथ ही उन्होंने प्रभावितों को राहत के लिए 'दुआरे तारन' (घर-घर जाकर राहत पहुंचाने का) अभियान शुरू किया। बनर्जी ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों के लिए 1000 करोड़ रुपए आवंटित करते हुए कहा कि जरुरत होने पर और धन दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, शुरुआती सूचनाओं के अनुसार, हमें पता चला है कि पश्चिम बंगाल में कुल करीब 15000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके बढ़ने की आशंका है।उन्होंने कहा, हमें जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण करने की आवश्यकता है क्योंकि ज्यादातर स्थान पानी में डूबे हुए हैं। इसमें (वित्तीय आकलन में) अभी कुछ समय लगेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व और कृषि भूमि को ध्यान में रखते हुए सारी गणना की गई है।
उन्होंने कहा, सरकार पंचायत और ब्लॉक स्तर पर दुआरे तारन योजना चलाएगी, ताकि चक्रवात से वास्तव में प्रभावित लोगों की मदद हो सके। यह प्रक्रिया पानी का स्तर घटने के बाद तीन जून से शुरू होगी।राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ने कहा कि दुआरे सरकार योजना चलाने वाले ही इस योजना का भी संचालन करेंगे। मुख्यमंत्री ने समझाया, दुआरे तारन योजना के लिए आवेदन तीन से 18 जून तक स्वीकार किया जा सकेगा। इस अवधि में शिविर का संचालन करने वाले अधिकारी अर्जी स्वीकार करेंगे।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि 18 से 30 जून के बीच सभी आवेदनों का सत्यापन किया जाएगा ताकि कोई योजना का अनुचित लाभ ना ले। बनर्जी ने कहा, सिर्फ पात्र लोगों को ही राहत मिलेगी। हम नहीं चाहते कि किसी को भी नुकसान हो। धर्म, जाति से ऊपर उठकर लोगों को राहत दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि एक जुलाई से राहत राशि लाभार्थी के बैंक खाते में अंतरित की जाएगी और पूरी प्रक्रिया आठ जुलाई तक पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा, हम प्रक्रिया को जल्दबाजी में पूरा नहीं करेंगे, ताकि सिर्फ पात्र लोगों को ही लाभ मिल सके। सत्यापन में 15 दिन लगेंगे।(भाषा)