चक्रवाती तूफान यास (CycloneYaas) की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे 29 मई तक के लिए लंबी दूरी की 38 ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा जैसे राज्यों में तूफान को लेकर व्यापक तैयारियां की गई हैं। सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं।
खबरों के मुताबिक बंगाल के हालिशहर में 40 अधिक घर तबाह हो गए हैं। पश्चिम में चक्रवाती तूफान यास को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। तूफान की आशंका के मद्देनजर कोलकाता एयरपोर्ट ने बुधवार सुबह 5 बजे से अगले 24 घंटे तक सभी उड़ानें रद्द करने का निर्णय किया है।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जोखिम वाले क्षेत्रों से लाखों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। पड़ोसी राज्य झारखंड ने भी अलर्ट जारी किया है और चक्रवात के प्रभाव के मद्देनजर तैयारी की जा रही है।
रेलवे के मुताबिक तूफान के चलते 24 से 29 मई के बीच कोलकाता और दक्षिण की ओर जाने वाली 38 ट्रेनों को रद्द किया गया है। जिन यात्रियों से ने पहले से टिकट बुक कराया हुआ, रेलवे उसकी राशि लौटाएगा।
भीषण चक्रवाती तूफान में बदला यास : एनडीआरएफ डीजी एसएन प्रधान ने बताया चक्रवाती तूफान यास अब भीषण तूफान में तब्दील हो चुका है। उन्होंने कहा कि बुधवार को हवा की गति 160-185 किमी घंटा से भी अधिक हो सकती है। एनडीआरएफ के पास 5 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 115 टीमें तैनात हैं, जिनमें ओडिशा में 52 और पश्चिम बंगाल में 45 टीमें तैनात की गई हैं।
पटनायक ने की समीक्षा : दूसरी ओर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में तूफान से निबटने की तैयारियों की समीक्षा की। पटनायक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से तैयारियों पर चर्चा की।
बंगाल भी तैयार : पश्चिम बंगाल के सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री सुमन कुमार महापात्रा ने कहा कि सिंचाई विभाग पूरी तरह से तैयार है। मुख्यंमत्री ममता बनर्जी ने सभी विभागों को अलर्ट पर रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि बंगाल के लिए यह पहला मौका नहीं है जब वह तूफान का सामना करेगा। पश्चिम बंगाल में 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं।
सेना ने एक बयान में कहा कि अनुरोध के आधार पर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ करीबी समन्वय में सेना के इन कॉलम की तैनाती की गई है। बयान में कहा गया कि सेना के कॉलम फंसे हुए हताहतों को निकालने, चिकित्सा उपचार, सड़क खोलने या पेड़ काटने और राहत सामग्री के वितरण जैसे काम के लिये स्थानीय प्रशासन के जरूरत के मुताबिक काम करने में समर्थ है।
सेना ने कहा कि सेना के यह कॉलम पुरुलिया, झारग्राम, बीरभूम, बर्धमान, पश्चिम मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, नादिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में मौजूद हैं। इसमें कहा गया कि पश्चिम बंगाल में जरूरत के मुताबिक कोलकाता में पुन: तैनाती के लिये नौ राहत टुकड़ियों को तैयार रखा गया है और यह अल्प समय में तैनाती के लिये तैयार हैं। सेना में सैनिकों की संख्या के एक निश्चित गठन को कॉलम कहते हैं।