नई दिल्ली। किसान आंदोलन को आज आज 1 साल पूरा हो गया। पीएम की तरफ से तीनों कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद दिल्ली की सीमाओं पर एक बार फिर भीड़ उमड़ने लगी है। आंदोलनकारी किसान संगठन आज दिल्ली में जश्न की तैयारी कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चे ने किसानों से दिल्ली बॉर्डर्स पर पहुंचने और आंशिक जीत उत्सव मनाने का आह्वान किया था। इस अपील के बाद एक बार फिर सिंघु, गाजीपुर और कुंडली बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान दिखाई दिए।
कानून वापस लिए जाने की घोषणा से किसानों में उत्साह का माहौल है। वे जल्द ही MSP समेत अन्य मांगों का भी निराकरण चाहते हैं। किसान संगठन पहले ही साफ कर चुके हैं कि संसद में कृषि कानून बिल की वापसी तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक सरकार और किसान के बीच 12 बार मीटिंग हो चुकी है। लेकिन कभी दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई। मोदी सरकार द्वारा कृषि कानून वापसी को किसान संगठन अपनी जीत बता रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि किसानों को सरकार को यह समझाने में एक साल लग गया कि उसके द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून नुकसान पहुंचाने वाले हैं और अफसोस है कि उन्हें वापस लेते समय भी किसानों को बांटने की कोशिश की गई।
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसान महापंचायत में टिकैत ने कहा था कि आंदोलन में मारे गए 750 से अधिक किसानों को शहीद का दर्जा देने, उनके परिजनों को मुआवजा देने और एमएसपी का कानून बनाने, गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्री पद से बर्खास्त करने सहित अन्य मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।