ONGC ordered to pay damages : गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) ने तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को भरूच जिले में पाइपलाइन से कच्चे तेल के रिसाव के लिए 50 लाख रुपए का हर्जाना भरने का आदेश दिया है।
एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ऐसा आरोप लगाया गया है कि रविवार को तेल के रिसाव से दूषित पानी के सेवन से 25 ऊंटों की मौत हो गई थी। हालांकि केंद्र सरकार के नियंत्रण वाली इस तेल कंपनी ने इससे इनकार किया है।
भरूच स्थित जीपीसीबी की क्षेत्रीय अधिकारी मार्गी पटेल ने कहा कि रविवार को ओएनजीसी की एक पाइपलाइन से कच्चे तेल का रिसाव हुआ और यह तेल कच्छीपुरा गांव के पास एक कृषि क्षेत्र में फैल गया। ऊंटों की मौत की सूचना मिलने के बाद प्रदूषण बोर्ड ने जांच के आदेश दिए थे।
मार्गी पटेल ने कहा, हमने ओएनजीसी को पर्यावरण क्षति मुआवजे के रूप में राज्य सरकार के अधिकारियों को 50 लाख रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया है। अधिकारी ने कहा कि ऊंटों की मौत का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि जीपीसीबी ने ओएनजीसी को प्रभावित स्थल को साफ करने का भी निर्देश दिया है। वहीं ओएनजीसी ने एक बयान में कहा कि सफाई अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है और 30 मई तक प्रभावित स्थल को साफ कर दिया जाएगा।
ओएनजीसी ने एक बयान में कहा, क्षेत्र में ऊंटों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत और तेल रिसाव दो ऐसी घटनाएं हैं, जिनका आपस में कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में ओएनजीसी ने जीपीसीबी, राज्य प्रशासनिक एजेंसियों और घटना की जांच कर रही फॉरेंसिक टीम को सभी सहायता प्रदान करना जारी रखा है।
मृत ऊंटों में से कुछ के मालिक ने बताया कि रविवार दोपहर कुल 77 ऊंटों को पास के एक गांव में चराने के लिए ले जाया जा रहा था। उसने दावा किया कि इनमें से कुछ ऊंटों ने खेत में कच्चे तेल से दूषित पानी पी लिया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। ऊंटों के मालिक ने कहा कि कम से कम 25 ऊंटों की मौत हो गई, जबकि अन्य का पशु चिकित्सकों ने इलाज किया और उनकी हालत स्थिर है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)