Operation Kaveri : भारत ने संघर्षरत सूडान में फंसे नागरिकों को निकालने के बाद ऑपरेशन कावेरी अभियान शुक्रवार को समाप्त कर दिया और भारतीय वायु सेना का आखिरी विमान 47 यात्रियों को लेकर स्वदेश लौटा। 11 दिन तक चले इस ऑपरेशन में सेना की 17 उड़ानों व जहाजों के 5 फेरों से सूडान से 3,862 भारतीय स्वदेश लौट आए।
भारत ने सूडान में सेना तथा एक अर्धसैनिक बल के बीच हिंसक झड़पों के बाद वहां से अपने नागरिकों को निकालने के लिए 24 अप्रैल को ऑपरेशन कावेरी शुरू किया था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारतीय वायु सेना के सी130 विमान के शुक्रवार को आने के साथ ही ऑपरेशन कावेरी के जरिए सूडान से 3,862 लोगों को निकाला गया।
उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना ने 17 उड़ानों का संचालन किया तथा भारतीय नौसेना ने पोर्ट सूडान से भारतीयों को सऊदी अरब में जेद्दा ले जाने के लिए पांच फेरे लगाए। सूडान की सीमा से लगते देशों के जरिए 86 भारतीयों को लाया गया।
विदेश मंत्री ने सूडान से लाए गए भारतीयों की मेजबानी तथा निकासी प्रक्रिया में मदद के लिए सऊदी अरब का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने चाड, मिस्र, फ्रांस, दक्षिण सूडान, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र का भी आभार व्यक्त किया।
क्या था ऑपरेशन कावेरी : संघर्षग्रस्त सूडान से फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने 'ऑपरेशन कावेरी' शुरू किया है। पीएम मोदी ने ऑपरेशन शुरू होने से पहले केरल में कहा था कि सूडान में गृहयुद्ध की वजह से हमारे कई लोग वहां फंस गए हैं। इसलिए हमने उन्हें सुरक्षित लाने के लिए 'ऑपरेशन कावेरी' शुरू किया है। इसकी देखरेख केरल के बेटे और हमारी सरकार के मंत्री मुरलीधरन कर रहे हैं।' कावेरी कर्नाटक और तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों से होकर बहने वाली प्रमुख भारतीय नदियों में से एक है। इससे पहले यूक्रेन से लोगों को निकालने के ऑपरेशन को 'ऑपरेशन गंगा' का नाम दिया गया था।
क्या है सूडान का हाल : सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष जारी है। इस भीषण लड़ाई में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। सूडान में दोनों पक्षों के संघर्ष विराम पर सहमत होने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिया। देखते ही देखते भारत ने कुछ ही घंटों में भारतीयों को सूडान से निकालकर भारत पहुंचाने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया और इन्हें भारत पहुंचाकर ही दम लिया। (इनपुट भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta