विपक्ष ने राजग सरकार के तीन साल पूरा होने के अवसर पर एकजुटता दिखाने का प्रयास किया तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा दिए गए दोपहर भोज में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजद प्रमुख लालू प्रसाद एवं बसपा प्रमुख मायावती सहित 17 विभिन्न गैर राजग दलों के नेताओं ने भाग लिया।
सोनिया द्वारा संसद भवन पुस्तकालय में दिए गए दोपहर भोज में ममता, मायावती, लालू प्रसाद के साथ साथ वाम नेता सीताराम येचुरी, सुधाकर रेड्डी एवं डी राजा एवं केसी त्यागी ने भाग लिया। कुछ छोटे क्षेत्रीय दलों के अलावा नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने भी इस आयोजन में भाग लिया। नीतीश कुमार ने इस भोज में शिरकत नहीं की लेकिन जदयू नेता शरद यादव जरूर आए।
विपक्ष ने इस दोपहर भोज में विपक्ष की व्यापक एकजुटता दिखाने की योजना बनायी थी। इस दौरान राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक आम सहमति वाले उम्मीदवार को उतारने की संभावना के बारे में भी विचार विमर्श होना था।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव से पहले गैर राजग दलों के बीच व्यापक एकता कायम करने का प्रयास कर रही है जिसे गुजरात, हिमाचल प्रदेश एवं कर्नाटक जैसे राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव एवं 2019 के लोकसभा चुनाव तक आगे बढाया जा सके।
कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दलों समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी को एकसाथ लाने के प्रयास भी आज सफल हो गए।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के आम सहमति वाले उम्मीदवार के रूप में कई नामों पर चर्चा चल रही है। इनमें पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल एवं महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी, जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार एवं राकांपा प्रमुख शरद पवार शामिल हैं। पवार ने इस दौड़ से स्वयं को अलग रखने की पहले ही घोषणा कर दी थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ही दूसरा कार्यकाल दिए जाने का सुझाव दिया था। (भाषा)