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लद्दाख में आना चाहता है POK का बाल्टिस्तान तो सैन्य कार्रवाई का विकल्प भी खुला होना चाहिए-सोनम वांगचुक

हमें फॉलो करें लद्दाख में आना चाहता है POK का बाल्टिस्तान तो सैन्य कार्रवाई का विकल्प भी खुला होना चाहिए-सोनम वांगचुक
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विकास सिंह

, गुरुवार, 22 अगस्त 2019 (14:23 IST)
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के साथ ही अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को भारत में शामिल करने की मांग तेज हो गई है। लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद अब लद्दाख से सटे बाल्टिस्तान को भी भारत में शामिल करने की मांग तेज हो गई है।
बाल्टिस्तान को भारत में लाने की मांग अब खुद वहां के लोग भी करने लगे हैं। ऐसे में वेबदुनिया ने लद्दाख को एक अलग पहचान देने वाले शिक्षाविद्, आविष्कारक और रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता सोनम वांगचुक से नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को लेकर खास बातचीत की।
 
लद्दाख में आना चाहता है POK का बाल्टिस्तान वेबदुनिया से खास बातचीत में सोनम वांगचुक कहते हैं कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने के बाद अब लद्दाख से सटे पाक अधिकृत कश्मीर बाल्टिस्तान के लोग भी लद्दाख में शामिल होना चाहते हैं।
 
वेबदुनिया के इस सवाल पर कि क्या बाल्टिस्तान को भारत में शामिल करना चाहिए? जवाब में वांगचुक कहते हैं कि मैं समझता हूं कि वह लोगों की इच्छा के अनुसार होना चाहिए। अगर बाल्टिस्तान के लोग भारत में आना चाहते हैं तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। वे आगे कहते हैं कि बाल्टिस्तान और लद्दाख के लोगों का खानदानी रिश्ता-सा है और वे पहले एक ही थे बाद में आधा उधर चला गया है, अगर वह आज लद्दाख में आना चाहे तो जरूर शामिल करना चाहिए।
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वेबदुनिया से बातचीत में सोनम कहते हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर में आधा हिस्सा कश्मीर और आधा लद्दाख का भी शामिल है लेकिन दोनों में बहुत अंतर है। कश्मीर में उस तरफ के लोग आना चाहते हैं या नहीं यह देखना होगा, जबकि लद्दाख में बात अलग है। लद्दाख में जो लोग हिंदुस्तान के हैं वह बहुत खुश हैं और बाल्टिस्तान के लोग भी आना चाहते हैं तो मामला बहुत सरल है।
 
लद्दाख भी आधा इंडिया में है आधा पाकिस्तान में है मगर यहां दोनों चाह रहे हैं, इसलिए कोई विवाद नहीं है। जबकि इसके उलट कश्मीर का मामला एकदम अलग है। पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में शामिल करने से पहले दोनों तरफ के लोग क्या चाह रहे हैं, ये देखना होगा।
 
बाल्टिस्तान की मांग पर सैन्य कार्रवाई आजादी की तरह : वेबदुनिया के इस सवाल पर कि क्या बाल्टिस्तान को भारत में शामिल करने के लिए किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई करनी चाहिए, इस सवाल पर मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता सोनम वांगचुक कहते हैं कि अगर बाल्टिस्तान को लोग चाहते हैं तो भारत सैन्य कार्रवाई कर उसको मिलाया जा सकता है।
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अगर बाल्टिस्तान के लोग भारत में आना चाहते हैं और यह महसूस करते है कि उनको कब्जे में रखा गया है तो फिर सैन्य कार्रवाई आजादी की तरह होगी, जैसे बांग्लादेश चाहता था कि वह आजाद हो तो भारत ने उसकी मदद की, और यह अच्छी बात है कि अगर कोई कब्जे में है और आजाद होना चाह रहा है तो सैन्य कार्रवाई ठीक कदम है।
 
इसके साथ ही सोनम वांगचुक ये भी जोड़ते है कि अगर बाल्टिस्तान के लोग की इच्छा के खिलाफ उनको मिलाया जाता तो सैन्य कार्रवाई ठीक नहीं होगी, यह आक्रमण कहा जाएगा। वेबदुनिया के इस सवाल पर कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर बाल्टिस्तान के लोगों को लेकर क्या महसूस किया, इस सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि वह वहां के स्कॉलर संपर्क में हैं। इससे पता चलता है कि उन्हें यहां की भाषा और तरक्की में दिलचस्पी है।

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