नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कथित दंगे के 12 साल पुराने एक मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान और 6 अन्य को आरोप मुक्त करने के आदेश को मंगलवार को रद्द कर दिया। विशेष सत्र न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने अक्टूबर 2022 में आरोपियों को आरोप मुक्त करने वाली मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर यह आदेश पारित किया।
न्यायाधीश ने संबंधित धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए मामले को वापस मजिस्ट्रेट अदालत में भेज दिया। सत्र न्यायाधीश ने कहा कि सार्वजनिक गवाहों के बयान थे और पुलिस गवाहों के भी बयान थे जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता था, खासकर इसलिए कि पुलिस वाले भी पीड़ित थे।
न्यायाधीश ने कहा कि गवाहों के बयानों सहित रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री से पता चलता है कि रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री थी जिससे प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ अपराध का मामला बनता है। अभियोजन पक्ष के अनुसार खान अपने 150-200 समर्थकों के साथ जामिया नगर थाने पहुंचे और तत्कालीन राज्यसभा सदस्य परवेज हाशमी के खिलाफ नारे लगाने लगे। उनमें से कुछ थाने के अंदर चले गए और पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया।
जब थाना प्रभारी के कक्ष में शिकायत दर्ज की जा रही थी तो हाशमी अपने कुछ समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और उन्हें देखते ही खान के समर्थकों ने हाशमी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में भीड़ ने पथराव भी किया था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta