सोनिया ने कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह को यूपी में समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा उनसे ये भी कहा गया है कि वो बताएं कि पार्टी में यहां क्या बदलाव किए जा सकते हैं।
पांच राज्यों में हार के बाद कांग्रेस अब मंथन में जुट गई है, एक तरफ जहां नाराज नेताओं का जी-23 गुट मुखर नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस हार की समीक्षा में जुट गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनावी हार की समीक्षा के लिए पांच नेताओं को नियुक्त किया है। जो समीक्षा के बाद पार्टी में जरूरी संगठनात्मक बदलावों को लेकर सुझाव भी देंगे। इससे पहले सोनिया गांधी ने इन राज्यों के अध्यक्षों से इस्तीफा मांगा था।
पांचों राज्यों में समीक्षा की जिम्मेदारी
कांग्रेस राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल को गोवा की जिम्मेदारी दी गई है। गोवा में पार्टी को मिली हार की समीक्षा करने को कहा गया है, साथ ही यहां संगठन के तौर पर क्या जरूरी बदलाव हो सकते हैं, ये भी सुझाव मांगा गया है।
वहीं सीनियर नेता जयराम रमेश को मणिपुर में हार की समीक्षा करने की जिम्मेदारी मिली है। पंजाब में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने सत्ता से बाहर कर दिया, इस बड़ी हार के क्या कारण रहे इसकी समीक्षा अजय माकन करेंगे।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस लगातार पिछड़ रही है, इस बार के चुनावों में भी कांग्रेस का प्रदर्शन काफी बुरा रहा। जिसके बाद सोनिया ने कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह को यूपी में समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है।
इसके अलावा उनसे ये भी कहा गया है कि वो बताएं कि पार्टी में यहां क्या बदलाव किए जा सकते हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में पार्टी की तरफ से अविनाश पांडे को नियुक्त किया गया है, जो पार्टी को मिली हार की समीक्षा कर सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपेंगे।
बता दें कि कांग्रेस को उम्मीद थी कि वो इन पांचों राज्यों में से किसी एक में सरकार बनाने में कामयाब होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गोवा, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पार्टी बीजेपी को सत्ता से नहीं हटा पाई।
वहीं पंजाब में जहां कांग्रेस सत्ता में थी, वहां आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर पार्टी को हाशिए पर खड़ा कर दिया। इस चुनावी हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व को लेकर पार्टी के भीतर से एक बार फिर आवाजें उठना शुरू हो चुका है, जी-23 ग्रुप के नेताओं ने बैठक कर पार्टी को कई तरह
की नसीहत दी हैं। जिससे पार्टी में फूट का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि इस बार इन नाराज नेताओं के साथ कई और नए नेता भी जुड़ गए हैं।