तिरुवनंतपुरम/ चेन्नई। चक्रवात 'ओखी' के कारण केरल और लक्षद्वीप के तट पर फंसे 500 से अधिक मछुआरों को शनिवार को सुरक्षित निकाला गया वहीं चक्रवाती तूफान दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि 2 और शव बरामद होने से केरल में चक्रवात से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 9 हो गई है।
केरल सरकार ने केंद्र सरकार से 'ओखी' चक्रवात को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया। इस चक्रवात ने पिछले 2 दिनों में केरल, तमिलनाडु के कन्याकुमारी और लक्षद्वीप में तबाही मचाई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु में चक्रवात 'ओखी' से हुए नुकसान को लेकर बीती रात वहां के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी से बात की। इस बातचीत के बाद तमिलनाडु सरकार ने कहा कि वह राज्य के दक्षिणी हिस्सों में चक्रवात 'ओखी' से हुए नुकसान के लिए केंद्र से जल्द ही निधि की मांग करेगी। कन्याकुमारी और तिरुनेलवेली जिले चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने शनिवार रात टेलीफोन पर बातचीत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मांग से अवगत करा दिया, वहीं तटरक्षकों ने तमिलनाडु के 198 मछुआरों और 18 नौकाओं को बचाया है। केरल और कन्याकुमारी जिले में तबाही मचाने वाले तू्फान के कारण समुद्र में लापता होने वाले मछुआरों की तलाश के काम में तटरक्षक लगे हुए हैं।
इस बीच कोच्चि से मिली खबर के अनुसार लोकसभा सांसद पीपी मोहम्मद फैजल ने आरोप लगाया कि भारतीय नौसेना और तटरक्षक इस आपदा से तत्काल प्रभाव से निबटने में नाकाम रहे हैं तथा वे रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को इस संबंध में लिखेंगे।
उधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शनिवार शाम कहा कि चक्रवाती तूफान 'ओखी' के चलते समुद्र की तेज लहरों में केरल के पास के फंसे मछुआरे राज्य के सिंधुदुर्ग तट पहुंच गए हैं और सुरक्षित हैं।
फडणवीस ने कहा कि कुल 68 नौकाएं पहुंची हैं जिनमें से 66 केरल और 2 तमिलनाडु से हैं जिन पर 952 मछुआरे हैं। सभी सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि उनके वापस जाने के लिए मौसम जब तक अनुकूल नहीं हो जाता, महाराष्ट्र उनकी पूरी तरह से देखभाल करेगा। (भाषा)