श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आम लोगों पर हमलों के बाद सुरक्षाबलों ने 700 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। इन पर आतंकियों की सहायता का आरोप है। खबरों के मुताबिक एक हफ्ते में घाटी में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित, हिन्दू और सिख समुदाय के लोगों के साथ स्थानीय नागरिकों को भी निशाना बनाया है। आतंकियों ने 7 लोगों की हत्या कर दी। एनआईए ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से कथित संबंधों के कारण रविवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने रविवार को द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया और पिछले हफ्ते मोहम्मद शफी लोन की हत्या की साजिश में शामिल आतंकवादियों के चार सहयोगियों को जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर जिले में गिरफ्तार किया गया है।
आईएस से संबध पर 3 लोग गिरफ्तार : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से कथित संबंधों के कारण रविवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी ने दक्षिण कश्मीर में श्रीनगर और अनंतनाग में आठ ठिकानों पर तलाशी ली और तौहीद लतीफ, सुहैल अहमद और अफशान परवेज को गिरफ्तार किया। तीनों श्रीनगर के रहने वाले हैं।
एजेंसी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस ने जम्मू कश्मीर के खिलाफ हिंसक जिहाद छेड़ने के मकसद से भारत में आसानी से प्रभावित होने वाले मुस्लिम युवाओं को कट्टर बनाने तथा संगठन में उनकी भर्ती करने की साजिश रची है।
अधिकारी ने बताया कि उनकी योजना अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की थी जिसमें साइबर स्पेस अभियान चलाकर आतंकवाद का वित्त पोषण करना शामिल है।
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि भारत में अपने कैडरों के साथ विभिन्न संवेदनशील स्थानों से काम कर रहे आईएसआईएस के आतंकवादियों ने छद्म ऑनलाइन पहचान बनाकर एक नेटवर्क बनाया है जहां युवाओं को कट्टर बनाने और उनकी भर्ती करने के लिए उनकी प्रचार सामग्री का प्रसार किया जाता है। इस साल की शुरुआत में एजेंसी ने एक मामला दर्ज करने के बाद इस संबंध में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
जांच में आगे पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों का संबंध पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आईएसआईएस आतंकियों से है और गिरफ्तार आरोपियों के कुछ अन्य साथी कश्मीर में हैं जो इस्लामिक स्टेट के लिए सामग्री बनाने तथा भारत केंद्रित दुष्प्रचार पत्रिका वॉयस ऑफ इंडिया के अनुवाद समेत कई जमीनी और ऑनलाइन गतिविधियों में शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि रविवार को जिन ठिकानों की तलाशी ली गयी, वहां से आपत्तिजनक सामग्री तथा मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप, हार्ड डिस्क जैसे डिजिटल उपकरण भी बरामद हुए हैं।