बीकानेर। पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर बीकानेर में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर जिला छोड़कर जाने के आदेश दिए गए हैं। बीकानेर जिला मजिस्ट्रेट कुमारपाल गौतम ने सोमवार को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया कि बीकानेर राजस्व सीमा में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक 48 घंटे के भीतर जिला छोड़कर चले जाएं।
आदेश में कहा गया है कि बीकानेर पाकिस्तान की सीमा के निकट है। इस कारण पाकिस्तानी नागरिकों के यहां रहने, विचरण करने एवं ठहरने से आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है जिसके मद्देनजर निषेधाज्ञा लागू की गई।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले से आमजन में पाकिस्तान के खिलाफ भयंकर जन आक्रोश के चलते यह आदेश दिया गया है। जिला मजिस्ट्रेट ने बीकानेर की सीमा क्षेत्र में बने होटलों में पाकिस्तानी नागरिकों को पनाह देने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
यह आदेश दो महीने के लिए लागू किया गया है। आदेश के अनुसार बीकानेर की राजस्व सीमा में स्थित किसी भी धर्मशाला, होटल एवं अस्पताल इत्यादि में पाकिस्तानी नागरिकों के रहने एवं ठहरने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
आदेश में कहा गया है कि बीकानेर जिले में रहने वाले भारतीय नागरिक, पाकिस्तान के नागरिकों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से व्यापारिक संबंध नहीं रखेंगे या पाकिस्तानी नागरिकों को किसी भी प्रकार का रोजगार नहीं देंगे। पाकिस्तान से प्राप्त हो रही स्पूफ कॉल के मद्देनजर कोई भी नागरिक किसी भी दूरसंचार माध्यम से किसी भी प्रकार की सैन्य/ संवेदनशील जानकारी का अनजान व्यक्तियों से आदान-प्रदान नहीं करेगा।
बीकानेर का कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान में रजिस्टर्ड सिम का उपयोग भी नहीं करेगा। स्पूफ कॉल वह फोन कॉल होती है जिसमें फोन उठाने वाले व्यक्ति को फोन करने वाले व्यक्ति के असली नंबर के बजाए कोई और नंबर दिखाई देता है। आदेश में कहा गया है कि यदि किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को इस आदेश से कोई आपत्ति है तो वह जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित होकर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
आदेश में कहा गया है कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों का विदेशी नागरिक पंजीयन अधिकारी (एफआरओ) के पास रजिस्ट्रेशन हो रखा है, उन पर यह आदेश लागू नहीं होगा। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश तत्काल प्रभाव से सोमवार से लागू हो गए। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत अभियोग चलाया जा सकता है।