नई दिल्ली। सेना ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर हुए आत्मघाती हमले के जिम्मेदार जैश ए मुहम्मद के 2 कमांडरों को ढेर कर दिया है। सीआरपीएफ बस पर हमले में 42 जवान शहीद हुए थे। सोमवार को शहीद हुए जवानों को आज अंतिम विदाई दी जा रही है। मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचने लगे हैं। उन्हें आज राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी जा रही है। शहीदों को अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद हैं।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के साथ संघर्ष में शहीद हुये मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को देहरादून स्थित उनके आवास पर हजारों लोगों ने मंगलवार को अंतिम श्रद्धांजलि दी।
अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले जाने से पहले मेजर ढौंडियाल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इस दौरान हृदय रोगी उनकी मां सरोज, उनकी पत्नी निकिता कौल और उनके रिश्तेदारों एवं मित्रों के लिए खुद को संभालना मुश्किल हो गया। मेजर ढौंडियाल की शादी हुए एक साल भी नहीं हुआ है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ‘शहीद ढौंडियाल अमर रहे’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों के बीच ताबूत पर पुष्पचक्र चढ़ाया। तिरंगे में लिपटा हुआ ढौंडियाल का पार्थिव शरीर सोमवार को देर रात घर लाया गया था। आज पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हरिद्वार में आज मेजर चित्रेश बिष्ट के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास एक बारूदी सुरंग को निष्क्रिय करने के दौरान बिष्ट शहीद हो गए थे।
मेरठ में शहीद अजय को अंतिम विदाई : पुलवामा में आतंकी हमले के बाद सेना की ओर से चलाए जा रहे अभियान के दौरान शहीद हुए मेरठ के जवान अजय कुमार की अंतिम यात्रा मंगलवार की सुबह सैन्य सम्मान के साथ छावनी से निकली।
शहीद अजय का पार्थिव शरीर सोमवार को देर रात सैन्य अस्पताल लाया गया। मंगलवार की सुबह पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। इससे पहले, पश्चिम उप्र सब एरिया कमांडर मेजर जनरल पी एस साई, सैन्य अस्पताल के कमांडेंट ब्रिगेडियर एस सी गुप्ता और 18 गढ़वाल के कमान अधिकारी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
शहीद के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी सेना के 18 गढ़वा रेजीमेंट को दी गई है। पूरी व्यवस्था को रेजीमेंट के कमान अधिकारी स्वयं देख रहे हैं। सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग, शहीद अजय के अंतिम दर्शनों के लिए खड़े थे। रास्ते पर वाहनों से आने जाने वाले लोगों ने भी वाहन रोक कर अजय की शहादत को नमन किया।