Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कश्मीर में पाकिस्तानी स्नाइपर का खतरनाक खेल, रणनीति बदल रही है भारतीय सेना

हमें फॉलो करें कश्मीर में पाकिस्तानी स्नाइपर का खतरनाक खेल, रणनीति बदल रही है भारतीय सेना
, सोमवार, 29 अक्टूबर 2018 (10:06 IST)
श्रीनगर। कश्मीर में पाकिस्तान अब आतंकवादियों के माध्यम से नया खेल खेल रहा है। वह कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा स्नाइपर हमले करवा रहा है। भारतीय सुरक्षाबलों के लिए यह हमले नया सिरदर्द बन गया है। इन हमलों में सितंबर के मध्य से लेकर तीन जवानों की जान जा चुकी है।

 
कानून प्रवर्तक एजेंसियों को पाकिस्तान स्थित समूहों के ऐसे हमलों को रोकने के लिए अपनी रणनीति बदलने को मजबूर किया है। अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों को कश्मीर घाटी में स्नाइपर हमले करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने प्रशिक्षित किया है और उन्हें एम-4 कार्बाइन दी है।

 
 
पहला स्नाइपर हमला 18 सितंबर को पुलवामा के नेवा में हुआ था। उसमें सीआरपीएफ का एक जवान जख्मी हो गया था। अब तक सुरक्षा अधिकारियों का मानना था कि यह एक आम मामला है लेकिन हाल में सशस्त्र सीमा बल का एक जवान, त्राल में सेना और नौगाम में सीआईएसएफ के कर्मियों की मौत ने सुरक्षा अधिकारियों के सामने चुनौती खड़ी हो गई है।
 
 
खुफिया सूत्रों की जानकारी के आधार पर, सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद संगठन के कम से कम दो अलग-अलग समूह सितंबर के शुरू में घाटी में आए थे। प्रत्येक समूह में दो आतंकवादी हैं। वे दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में संगठन के कुछ समर्थकों की मदद से मोर्चा संभाल चुके हैं।
 
 
अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों को कश्मीर घाटी में स्नाइपर हमले करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने प्रशिक्षित किया है और उन्हें एम-4 कार्बाइन दी है। इस बंदूक का इस्तेमाल अमेरिका की अगुवाई वाले बल अफगानिस्तान में कर रहे हैं।
 
 
राज्य के सुरक्षा अधिकारियों को अंदेशा है कि ये हथियार उन शस्त्रों और गोलाबारूद का हिस्सा हो सकते हैं जिन्हें तालिबान ने लूटा है। तालिबान के साथ जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी अफगानिस्तान में गठबंधन सेना से लड़ रहे हैं।
 
 
उन्होंने कहा कि इन हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान सेना के विशेष बल भी करते हैं। सुरक्षा बलों के शिविर पर सभी स्नाइपर हमलों के लिए आतंकवादियों ने नजदीकी पहाड़ी का इस्तेमाल किया। हमले के वक्त जवान अपने फोन से अपने परिवार या दोस्तों से बातें कर रहे थे।
 
 
एक अधिकारी ने बताया कि जवान, संतरी चौकी के अंदर अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल करता है तो वे मोबाइल की रोशनी से अंदाजा लगाकर उसे निशाना बना लेते हैं। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमत्री उमर अब्दुल्ला ने बढ़ते स्नाइपर हमलों पर प्रतिक्रिया दी है।
 
 
उन्होंने कहा कि हमने सीमा/नियंत्रण रेखा पर नियमित तौर पर स्नाइपर हमलों का मुकाबला किया है। हमारे पास उनसे मुकाबले के लिए एसपीओ हैं। यह सभी तरह की रक्षा और सुरक्षा प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार को मजबूर करेगा।
 
 
सेना, सीआरपीएफ और जम्मू और कश्मीर पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद प्रभावित इलाकों में स्थित अपने शिविरों में जवानों और अधिकारियों के लिए पहले ही नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। रणनीति में बदलाव पर अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा शिविरों के आस-पास अधिक अभियान चलाए जाएंगे।
 
 
उन्होंने कहा कि आतंकवादी भविष्य में ऐसे और हमले कर सकते हैं। हालांकि कुछ मॉड्यूल की पहचान की गई है और उन पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इन आतंकवादियों के पास बेहतरीन किस्म के हथियार है। इनमें स्टील कोर की गोलियां भी शामिल हैं जो आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान बुलेटप्रूफ बंकर में भी घुस जाती है। (एजेंसी)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

डीटीसी कर्मचारी आज रहेंगे हड़ताल पर, निगम ने की काम पर आने की अपील