नई दिल्ली। सरकार ने पैराडाइज पेपर्स मामलों की जांच के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रवर्तन निदेशालय, रिजर्व बैंक और वित्तीय खुफिया इकाई का बहुविभागीय समूह बनाने का निर्देश दिया है।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि इस बहुविभागीय समूह का नेतृत्व केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष करेंगे तथा इसका काम पैराडाइज पेपर्स में आने वाले नामों से जुड़े मामलों की जांच की निगरानी करना होगा। आयकर विभाग की जांच इकाई को हर मामले पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए चेताया है।
पैराडाइज पेपर्स के अनुसार, विदेशी कंपनियों के आंकड़ों में 180 देशों के लोगों का नाम आया है। इसमें 714 भारतीयों के नाम हैं और उसका स्थान 19वां है। इन पेपर्स में विदेशी लॉ फर्म 'एप्पलबाय' के पिछले 50 साल के 70 लाख ऋण समझौतों, वित्तीय बयानों तथा अन्य दस्तावेजों को जारी किया गया है।
मंत्रालय ने बताया कि अभी कुछ ही भारतीयों के नाम मीडिया में आए हैं। पैराडाइज पेपर्स जारी करने वाले 'इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' ने भी अपनी वेबसाइट पर सभी नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। वेबसाइट पर संकेत दिया गया है कि बाकी के नाम चरणबद्ध तरीके से सार्वजनिक किए जाएंगे और आयकर विभाग की जांच इकाई को नाम सार्वजनिक होते ही कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। (वार्ता)