प्रमुख बिंदु
-
अनुसूचित जनजाति विधेयक को मंजूरी
-
पेगासस और किसानों का मुद्दा भी उठा
-
आदिवासियों को मिलेगी नई पहचान और नाम
नई दिल्ली। संसद ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के संबंध में अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने के प्रावधान वाले संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी। यह विधेयक राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है और सोमवार को लोकसभा ने भी इसे मंजूरी दे दी।
विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में कई ऐसी जनजातियां हैं जिन्हें नगा आदिवासी के तौर पर रिकॉर्ड में होने के कारण फायदा नहीं मिल पा रहा है। अब संशोधन करके इसका विस्तार किया जा रहा है। इस विधेयक के माध्यम से नगा जनजातियों को मदद मिलेगी।
पेगासस मामला एवं किसानों के मुद्दे पर विपक्ष की नारेबाजी के बीच मंत्री ने कहा कि विपक्ष का हंगामा दिखाता है कि उसे जनजातीय मामलों और मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। हंगामे के बीच विधेयक को पारित कराने का विरोध करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज 'विश्व आदिवासी दिवस' मनाया जा रहा है और वे इस अवसर पर आदिवासी भाई और बहनों को बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस विधेयक पर बहुत कुछ बोलने का मन बनाया था, लेकिन सरकार की अकर्मण्यता और जिद के कारण नहीं बोल पा रहे हैं। इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि आदिवासी दिवस की आड़ लेकर चौधरी गलत बयान दे रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बसपा के रितेश पांडे, द्रमुक के टीआर बालू, शिवसेना के विनायक राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने हंगामे के बीच विधेयक पारित कराने का विरोध किया और कहा कि सरकार को सदन में व्यवस्था बनाकर चर्चा करनी चाहिए। अरुणाचल प्रदेश से लोकसभा सदस्य और कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक से अरुणाचल प्रदेश के आदिवासियों को नई पहचान और नाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। लाखों आदिवासियों की ओर से इस सरकार को धन्यवाद करता हूं।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासी मामलों के मंत्री (अर्जुन मुंडा) के खिलाफ नारेबाजी मत करिए, यह उचित नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सदस्यों से चर्चा में भाग लेने और इस विधेयक को पारित कराने की अपील की। इसके बाद लोकसभा ने शोर-शराबे के बीच ही संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।
अरुणाचल प्रदेश में वर्तमान में 18 समुदाय जनजातियों की सूची में शामिल हैं। राज्य सरकार की सिफारिश के आधार पर विधेयक में अरुणाचल प्रदेश के संबंध में अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही इसमें मिश्मी कमान (मिजू मिश्मी), इदू (मिश्मी), तारोन (दिगरू मिश्मी) जनजातियों की सूची में मिश्मी, इदु और तारोन के स्थान पर शामिल किया गया है।(भाषा)