भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में अब असंसदीय शब्दों का प्रयोग विधायक नहीं कर सकेंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा में रविवार को एक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस पुस्तक का नाम है असंसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह पुस्तिका।
यह पुस्तक अपने आप में काफी रोचक है क्योंकि यह असंसदीय शब्दों का एक संग्रह है, जो कि विधानसभा सत्र के दौरान बोलना वर्जित होगा। वर्जित का अर्थ यहां पर यह है कि यह शब्द दैनिक विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं किए जाएंगे।
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि विधानसभा में पप्पू, फेंकू, बंटाधार जैसे शब्द नहीं चलेंगे। इसमें तमाम तरह के शब्द हैं जिनका इस्तेमाल विधानसभा में करना असंसदीय माना जाएगा।
हंगामेदार हो सकता है सत्र : मध्यप्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जिलों में बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण मची तबाही के बीच सोमवार से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के चार दिवसीय मानसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। धानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आज यहां सत्र प्रारंभ होने के एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई।
इसका मुख्य उद्देश्य सत्र के सुचारू ढंग से संचालन के संबंध में चर्चा करना रहा। सत्र सोमवार से प्रारंभ होकर चार दिनों यानी गुरुवार तक चलेगा। इस दौरान कोविड संबंधी नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा और मीडिया को भी काफी सीमित संख्या में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। (एजेंसियां)