Sikhs protested over Khalistani dispute : सिख समुदाय के करीब 200 लोगों ने एक आईपीएस अधिकारी के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए बुधवार को यहां भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी का आरोप है कि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें 'खालिस्तानी' कहा था। आम आदमी पार्टी ने भी एक सिख अधिकारी को खालिस्तानी कहे जाने पर भाजपा से माफी की मांग की है।
शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा की एक अन्य नेता अग्निमित्रा पॉल के साथ दावा किया कि आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे, लेकिन उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता ने आईपीएस अधिकारी को 'खालिस्तानी' कहा था। अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया, किसी ने भी उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया और न ही किसी ने 'खालिस्तानी' शब्द का इस्तेमाल किया। वह एक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
मंगलवार को संदेशखालि में भाजपा के विरोध मार्च के दौरान जसप्रीत सिंह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से सवाल किया था, सिर्फ इसलिए कि मैंने पगड़ी पहनी है, आप लोग मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं? क्या आपने यही सीखा है? अगर कोई पुलिस अधिकारी पगड़ी पहनता है और अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करता है, तो वह आपके लिए खालिस्तानी बन गया? आपको शर्म आनी चाहिए।
भाजपा कार्यालय के पास प्रदर्शन कर रहे एक व्यक्ति ने कहा, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग करने पर पंजाब के किसानों को कुछ भाजपा नेताओं द्वारा खालिस्तानी कहा जा रहा है। वहीं पंजाब के रहने वाले एक पुलिसकर्मी को अपना कर्तव्य निभाने के लिए भगवा पार्टी द्वारा इसी तरह की टिप्पणी की गई।
एक बुजुर्ग सिख ने कहा, हम सभी देशभक्त भारतीय हैं, कोई भी हमारी देशभक्ति, हमारे बलिदान और देश के प्रति हमारे प्रेम पर सवाल नहीं उठा सकता है। हमारे धार्मिक अधिकार के रूप में पगड़ी पहनने पर किसी सिख को खालिस्तानी क्यों कहा जाना चाहिए? हम इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से माफी की मांग करते हैं।
शुभेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली जाने से रोकने के लिए आईपीएस अधिकारी को तैनात किया गया था। पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में भी सिख समुदाय के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा की विभाजनकारी राजनीति की निंदा की।
शुभेंदु अधिकारी ने लगाए गए आरोपों को खारिज किया और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर संदेशखाली मुद्दे से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। संदेशखाली में पिछले दिनों लोगों ने प्रदर्शन किए हैं, जहां स्थानीय महिलाओं ने फरार तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
आम आदमी पार्टी ने की भाजपा से माफी की मांग : आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता गोपाल राय ने पश्चिम बंगाल में तैनात भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक सिख अधिकारी को भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर खालिस्तानी कहे जाने पर उसकी बुधवार को आलोचना की और कहा कि भाजपा को माफी मांगनी चाहिए।
राय ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा अपने सत्ता के अहंकार में किसी व्यक्ति कोदेशद्रोही या खालिस्तानी या आतंकवादी या नक्सली होने का प्रमाण पत्र बांट रही है। राय ने आरोप लगाया, यह दर्शाता है कि नफरत की यह सोच उनके जेहन में कैसे घर कर गई है और उन्होंने कहा कि भाजपा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
राय की टिप्पणियों पर भाजपा की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। हालांकि भाजपा ने पहले इस आरोप से इनकार किया था और पुलिस अधिकारी पर संविधान के अनुसार अपना कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने का आरोप लगाया था। राय ने कहा कि भारत में सिख धर्म और स्वतंत्रता संग्राम में सिखों की भूमिका का एक लंबा इतिहास रहा है।
स्वतंत्रता संग्राम में कई लोगों ने देश के लिए बलिदान दिया। उन्होंने क्रांतिकारी भगत सिंह का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें शहीद-ए-आजम की उपाधि प्राप्त है और पंजाब के शहीदों की एक लंबी सूची है। राय ने कहा कि यह पगड़ी कभी सुरक्षा की गारंटी थी और अब एक अधिकारी को खालिस्तानी कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कथित घटना पर पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से भी बयान जारी किए गए हैं।
सिख आईपीएस अधिकारी ने खुद को कथित तौर पर खालिस्तानी कहे जाने पर मंगलवार को भाजपा के कार्यकर्ताओं की आलोचना की थी। अधिकारी को पश्चिम बंगाल में भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली जाने से रोकने के लिए तैनात किया गया था।
अधिकारी के साथ मौजूद भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी के समर्थकों ने उन्हें खालिस्तानी कहा था। राय ने कहा, अगर इस नफरत भरे अभियान को नहीं रोका गया तो इससे देश कमजोर होगा और भारतीय समाज में विभाजन को बढ़ावा मिलेगा। (भाषा) फोटो सौजन्य : टि्वटर/एक्स
Edited By : Chetan Gour