नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में एक याचिका दायर की गई है जिसमें अंधविश्वास, जादू-टोने और इसी तरह की अन्य कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए उचित कदम उठाने के वास्ते केंद्र और राज्यों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि समाज में प्रचलित अवैज्ञानिक कृत्यों को समाप्त करने के लिए अंधविश्वास एवं जादू-टोना रोधी कानून की आवश्यकता है। इसमें फर्जी संतों को भोले-भाले लोगों का शोषण करने से रोकने के संबंध में भी कदम उठाने का अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में केंद्र और राज्यों को संविधान के अनुच्छेद-51ए की भावना के अनुरूप नागरिकों में वैज्ञानिक सोच-समझ, मानवीयता और जांच-पड़ताल की भावना विकसित करने की दिशा में कदम उठाने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। संविधान का यह अनुच्छेद मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है।
याचिका में कहा गया है कि अंधविश्वास से भरी कुछ प्रथाएं क्रूर, अमानवीय और शोषण करने वाली हैं तथा इन पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाने की सख्त जरूरत है। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि कई लोग और संगठन अंधविश्वास और जादू-टोने का सहारा लेकर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करा रहे हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta