नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) परीक्षा टालने को लेकर गैर भाजपा शासित 6 राज्यों की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।सुप्रीम कोर्ट के पुनर्विचार याचिका खारिज करने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अब जेईई और नीट की परीक्षा नहीं टलेगी।
न्यायाधीश अशोक भूषण, न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश कृष्णमुरारी की पीठ ने 6 गैर-भाजपा शासित राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।
पुनर्विचार याचिका पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड के रामेश्वर ओरांव, राजस्थान के रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बीएस सिद्धू और महाराष्ट्र के उदय रवीन्द्र सावंत की तरफ से दायर की गई थी।
गैर-भाजपा शासित 6 राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों ने नीट और जेईई परीक्षा को टालने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। यह याचिका न्यायालय के 17 अगस्त को दिए गए आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह करने के लिये दायर की गई थी।
17 अगस्त को शीर्ष न्यायालय ने नीट और जेईई परीक्षा स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी थी। उस दिन पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने कहा था कि परीक्षा स्थगित करने से छात्रों का जीवन संकट में आ जाएगा। जीवन को कोविड-19 में भी आगे बढ़ना चाहिए, क्या हम सिर्फ परीक्षा रोक सकते हैं? हमें आगे बढ़ना चाहिए। अगर परीक्षा नहीं हुई तो क्या यह देश के लिए नुकसान नहीं होगा? छात्र शैक्षणिक वर्ष खो देंगे।
17 अगस्त को याचिका खारिज होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में परीक्षा टालने को लेकर एक बैठक हुई थी। इसमें पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया था। (वार्ता)