नई दिल्ली। पेट्रोल के दामों में आग लगी हुई है और ये आज कई राज्यों में 100 का आकंड़ा पार कर चुके हैं। अगर पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो आपकी जेब भारी होगी और महंगाई का बोझ हल्का होगा। अब ये उम्मीद फिर जग रही है, क्योंकि आज लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की बैठक सुबह 11 बजे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। सभी राज्यों के वित्तमंत्री भी इसमें शामिल होंगे। जीएसटी के दायरे में आने पर पेट्रोल-डीजल के दाम 25 रुपए घट सकते हैं।
जीएसटी में आने पर केंद्र की एक्साइज और राज्यों का वैट खत्म हो जाएगा। जीएसटी का सबसे बड़ा स्लैब 28 फीसदी का है, जो आज लग रहे टैक्स से काफी कम है। हर राज्य में पेट्रोल-डीजल पर अलग अलग टैक्स है। राजस्थान में पेट्रोल पर 36 फीसदी वैट है। कर्नाटक सरकार 35 फीसदी सेल्स टैक्स वसूलती है। मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर वैट 33 फीसदी है। तो दिल्ली में 30 और यूपी में 26.80 फीसदी।
GST दायरे में आते ही तेल के दाम कैसे कम होंगे, ए एक उदाहरण से समझिए। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 101 रुपए 19 पैसे से घटकर 56 रुपए 45 पैसे हो जाएगी। जबकि डीजल की कीमत 88 रुपए 62 पैसे से घटकर 55 रुपए 42 पैसे हो जाएगी। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर घाटा राज्य सरकारों का है। लेकिन दिल्ली और छत्तीसगढ़ की सरकारें इसके लिए तैयार हैं। लेकिन बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया है।