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महंगाई के बीच Petrol, Diesel के दाम लगातार दूसरे दिन 60 पैसे प्रति लीटर बढ़े

हमें फॉलो करें महंगाई के बीच Petrol, Diesel के दाम लगातार दूसरे दिन 60 पैसे प्रति लीटर बढ़े
, सोमवार, 8 जून 2020 (19:00 IST)
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सोमवार को लगातार दूसरे दिन 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 83 दिनों के अंतराल के बाद कीमतों की दैनिक आधार पर फिर समीक्षा शुरू की है।
 
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 71.86 रुपए से बढ़कर 72.46 रुपए प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल की कीमत 69.99 रुपए से बढ़कर 70.59 रुपए प्रति लीटर कर दी गई।
 
इससे पहले तेल कंपनियों ने रविवार को 83 दिनों के अंतराल के बाद कीमतों की समीक्षा करते हुए इसमें 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। इस तरह कीमतों में लगातार दूसरे दिन वृद्धि हुई है।
 
एक तेल कंपनी के अधिकारी ने बताया कि दैनिक आधार पर कीमतों में संशोधन फिर से शुरू हो गया है। तेल कंपनियां हालांकि, एटीएफ और एलपीजी की कीमतों की नियमित रूप से समीक्षा कर रही थीं, लेकिन 16 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
 
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के लाभ को सोखने के लिए सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने कीमतों की दैनिक समीक्षा रोक दी थी।
 
इसके बाद सरकार ने 6 मई को एक बार फिर पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया। इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क बढ़कर 32.98 रुपए लीटर और डीजल पर 31.83 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया।
 
तेल कंपनियों ने हालांकि, उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का भार ग्राहकों पर नहीं डाला, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ उसे समायोजित कर दिया गया। 
 
नरेन्द्र मोदी सरकार ने मई 2014 में जब पहली बार सत्ता संभाली थी, तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपए लीटर और डीजल पर 3.56 रुपए प्रति लीटर पर था।
 
कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चे तेल की कीमत अप्रैल में एक दशक के सबसे निचले स्तर पर जा पहुंची थी। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत तेल आयात करता है। 
अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण तेल कीमतों की दैनिक समीक्षा को रोक दिया गया था। अब जबकि बाजार में कुछ हद तक स्थिरता दिखने लगी है दैनिक मूल्य समीक्षा शुरू कर दी गई है।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में उठापटक के बावजूद तेल कंपनियों ने विमान ईंधन एटीएफ और एलपीजी के दाम में लगातार संशोधन किया है। (भाषा)

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