नई दिल्ली। ऐसा लगता है कि पेट्रोल में आग लग गई है...यही कारण है कि पेट्रोल की कीमत साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है और यदि इसी प्रकार यह बढ़ती रही तो जल्द ही इसके भी रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंचने की आशंका है। देश में डीजल की कीमत पहले ही रोज नए रिकॉर्ड स्तर को छू रही है।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल 71.39 रुपए प्रति लीटर रहा। यह अगस्त 2014 के बाद का उच्चतम स्तर है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 115 डॉलर प्रति बैरल के करीब था। उस समय दिल्ली में पेट्रोल 72.51 रुपए प्रति लीटर था जबकि इस समय कच्चा तेल 70 डॉलर प्रति बैरल है।
पेट्रोल का अब तक का उच्चतम स्तर सितंबर 2013 में 76.06 रुपए प्रति लीटर रहा था। दिल्ली में डीजल की कीमत बुधवार को 62.06 रुपए प्रति लीटर रही, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। इसने छह जनवरी को पहली बार 60 रुपए प्रति लीटर का स्तर पार किया था और फिलहाल हर दिन दाम बढ़ने के साथ नया रिकॉर्ड बन रहा है।
अगस्त 2014 के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई थी। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटनी शुरू हो गई। इसका फायदा उठाते हुए उस समय सरकार ने यह कहकर इन पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ेंगी तो शुल्क में कमी भी की जा सकती है।
मोदी सरकार के कार्यकाल में डीजल पर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपए से बढ़ाकर 17.33 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया था। पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के समय 9.48 रुपए प्रति लीटर था जो बढ़कर 21.48 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुका था।
पिछले साल पेट्रोल की कीमत 70 रुपए के पार निकलने की खबर मीडिया में आने के बाद बने दबाव में 03 अक्टूबर 2017 को केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुल्क में दो-दो रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी। इस समय पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 15.33 रुपए और डीजल पर 19.48 रुपए प्रति लीटर है।