मुंबई। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के नेता मतीन शेखानी ने शुक्रवार को धमकी भरे अंदाज में कहा कि हमको छेड़ोगे तो हम छोड़ेंगे नहीं। हालांकि एक टीवी चैनल से बातचीत में शेखानी ने विवादित बयान को लेकर खंडन किया है।
लाउड स्पीकर विवाद पर मतीन शेखानी ने जुमे की नमाज के बाद कहा कि हमको छेड़ोगे तो हम छोड़ेंगे नहीं। हालांकि उन्होंने बाद में कहा कि हमने धमकी नहीं दी। मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। उल्लेखनीय है कि पीएफआई का नाम करौली और खरगोन हिंसा में सामने आया है।
शेखानी पर मामला दर्ज : मुंब्रा पुलिस ने अब्दुल मतीन शेखानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37 (3) और 135 के तहत एक अवैध सभा करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई। इस सभा में मतीन ने कथित रूप से भड़काऊ बयान दिया था।
क्या है PFI संगठन : दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे CAA और NRC आंदोलन के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम सुर्खियों में आया था। PFI पर यूपी में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा फैलाने का आरोप भी लगा था। इसे सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) का बी विंग कहा जाता है।
पीएफआई 2006 में भी उस वक़्त सुर्खियों में आया था जब दिल्ली के राम लीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। तब लोगों की बड़ी संख्या यहां उपस्थिति दर्ज कराई थी। माना जाता है कि इस संगठन की पूरी राजनीति मुस्लिमों के इर्द-गिर्द ही चलती है।
देश में 23 राज्य ऐसे हैं, जहां पीएफआई अपनी गतिविधियां चला रहा है। यह संगठन खुद को न्याय, स्वतंत्रता और सुरक्षा का पैरोकार बताता है। मुस्लिमों के अलावा देश भर के दलितों, आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार के लिए आंदोलन करता है। शाहीन बाग मामले में भी पीएफआई पर आरोप था कि उसने पैसे देकर आंदोलन को भड़काने का काम किया। शाहीन बाग इलाके में उसका मुख्यालय है।