जम्मू। वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले करीब 400 श्रद्धालुओं के कटड़ा में फंसे होने के मामले में विवाद खड़ा हो गया है। इस संबंध में माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ ने इस बात का खंडन किया है कि कटड़ा में कोई श्रद्धालु रूका हुआ है जबकि जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने एक याचिका पर यह निर्देश दिया था कि इन श्रद्धालुओं को निकाला न जाए।
सारा मामला उस समय सामने आया था जब 30 मार्च को कटड़ा में कुछ होटलों तथा श्राइन बोर्ड के कुछ संस्थानों में रूके हुए 400 के करीब श्रद्धालुओं में से कुछेक के साथ पत्रकारों ने बात की और उनकी आवाज को प्रशासन तक पहुंचाया था।
जो श्रद्धालु कटड़ा में फंसे हुए हैं उनमें अधिकतर बिहार के रहने वाले हैं जो यात्रा पूरी करने के बाद से ही वहीं फंसे हुए हैं। कुछ नेपाली हैं जिन्हें श्राइन बोर्ड ने यात्रा करने की इजाजत नहीं दी थी क्योंकि उन्हें विदेश यात्रा में शामिल होना बताया गया था।
अब जबकि ये नेपाली श्रद्धालु 14 दिनों की क्वारंटाइन अवधि को भी पूरा कर चुके हैं लेकिन अपने घरों को नहीं लौट पा रहे हैं क्योंकि पूरे देश में लाकडाउन है।
श्राइन बोर्ड की ओर से इस मामले पर उस समय खंडन रूपी बयान आया जब 30 मार्च को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने न्यायमित्र द्वारा पेश किए गए मामले पर इन श्रद्धालुओं के प्रति एक आदेश देते हुए श्राइन बोर्ड तथा रियासी के उपायुक्त को निर्देश दिया था कि इन श्रद्धालुओं को उनके वर्तमान रहने के स्थानों से बेदखल न किया जाए और साथ ही उनके खाने पीने के अतिरिक्त अन्य जरूरतों को पूरा करने की व्यवस्था की जाए।