प्राचीन काल से विंध्य पर्वत मालाओं का हिस्सा मिर्जापुर अपने गुलाबी पत्थरों से सभी के दिल को आकर्षित करता रहा है। इस गुलाबी पत्थर की गुणवत्ता और सुंदरता को देखते हुए इसका इस्तेमाल अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा। इस गुलाबी पत्थर की क्वालिटी पिंक सैंड स्टोन के मामले में काफी अच्छी रही है।
इसका रंग कभी अपनी सुंदरता नहीं खोता है और इनकी आयु भी अधिक होती है। ये पत्थर अन्य पत्थरों की तुलना में मजबूत होते हैं, पानी और धूप में भी इनकी चमक फीकी नहीं पड़ती। पूर्व में बने भव्य किले की दीवार और महलों के निर्माण में इनका उपयोग किया जाता रहा है।
यह नक्काशी के उभारने में अपना विशेष महत्व रखते हैं। राम मंदिर के लिए साढ़े चार लाख घन फुट से अधिक गुलाबी पत्थरों की आवश्यकता है। चुनार और अहरौरा पहाड़ी के पत्थर अपने देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं।
अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के मंदिर में लगने वाले गुलाबी पत्थरों की पहली खेप मिर्जापुर से आज अयोध्या के लिए रवाना कर दी गई है। मिर्जापुर के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने पत्थरों की विधि विधान से पूजा करके हरी झंडी दिखाते हुए अयोध्या के लिए रवाना किया है। अब ये गुलाबी पत्थर भगवान श्रीराम के मंदिर की शोभा बढ़ाएगा।
इतिहास प्रसिद्ध इमारतों जैसे अशोक स्तंभ, संसद की सीढ़ियों, बौद्ध स्तूप और लखनऊ के अंबेडकर पार्क में इन्हीं गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। अब ये पिंक स्टोन प्रभु श्रीराम मंदिर में भगवान राम के चरणों की शोभा बनकर खुद को इतिहास के सुनहरे पन्नों में अंकित करेंगे।
जिलाधिकारी ने बताया कि आज पत्थर की पहली खेप को मिर्जापुर से अयोध्या के लिए रवाना किया गया है। 4 फुट लंबे, 2 फुट चौड़े व 2 फुट ऊंचे 27 पत्थर की पहली खेप आज अयोध्या भेजी गई है। ऐसे ही अठारह से उन्नीस हजार पत्थरों को आगामी सात-आठ महीने में अयोध्या के लिए भेजा जाएगा।