Cabinet Committee Meeting : पश्चिम एशिया में नए सिरे से पैदा हुए तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की। पश्चिम एशिया में तनाव और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार एवं आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव पर बैठक में चर्चा की गई। भारत ने सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाने का भी आह्वान किया है।
सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि पश्चिम एशिया में तनाव और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार एवं आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव पर बैठक में चर्चा की गई। भारत ने पश्चिम एशिया में सुरक्षा स्थिति बिगड़ने पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि संघर्ष को व्यापक रूप नहीं लेना चाहिए। भारत ने सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाने का भी आह्वान किया है।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल पश्चिम एशिया की स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा परिदृश्य पर किसी प्रकार का कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, पश्चिम एशिया समेत वैश्विक संघर्षों और उनके संभावित प्रभावों के संबंध में हमने कुछ मामूली प्रभाव देखे हैं। घाटी में भी कुछ विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
उन्होंने बताया, फिलहाल हमें ऐसा कोई संकेत नहीं दिखा है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने हालांकि कहा कि समय बीतने के साथ ये संघर्ष और भी तीव्र होते जा रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया, हम स्थिति पर बारीकी से नजर रखते रहेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इनमें से किसी का भी हमारे क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार के गठन के बाद किसी प्रकार की कोई सुरक्षा चुनौती सामने आ सकती है, तो उन्होंने कहा कि जहां तक आठ अक्टूबर को मतगणना के बाद किसी विशेष परिदृश्य के बारे में विशिष्ट खुफिया जानकारी का सवाल है तो हमें किसी चिंताजनक स्थिति का कोई विशेष संकेत नहीं मिला है।
उन्होंने बताया कि सेना जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर बाड़ के आगे वाले गांवों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर काम कर रही है क्योंकि लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए यह बेहद जरूरी है। घई ने कहा, हां, इस पर काफी विचार किया जा रहा है। हमारे पास पहले से ही रूपरेखा है लेकिन इसके लिए नागरिक प्रशासन के साथ सहयोग व तालमेल की आवश्यकता है क्योंकि इस तरह के कदम में कई पहलू शामिल होते हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा हमेशा से एक चिंता का विषय रही है और हम उन सामाजिक-आर्थिक कारकों को नजरअंदाज नहीं कर सकते जो इन लोगों को प्रभावित करते हैं। अधिकारी ने बताया, इसलिए एक योजना तैयार की जा रही है और मुझे यकीन है कि यह निकट भविष्य में पेश की जाएगी।(इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour