नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने जी-20 समिट में वन अर्थ, वन फैमेली, वन फ्यूचर से लेकर स्पेस सेक्टर में भारत की उपलब्धि तक कई विषयों पर बात की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 1 दिसंबर से G-20 की अध्यक्षता करेगा। G-20 की मेजबानी मिलना गौरव के पल। उन्होंने युवाओं से G-20 की मेजबानी को यादगार बनाने में योगदान करना की अपील की। हमें इस मौके का पूरा उपयोग करते हुए ग्लोबल गुड, विश्व कल्याण पर फोकस करना है। हमने वन अर्थ, वन फैमेली, वन फ्यूचर की जो थीम दी है, उससे वसुदैव कुटुंबकम के लिए हमारी प्रतिबद्धता जाहिर होती है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के राजन्ना सिर्सिल्ला जिले के एक बुनकर भाई येल्धी हरिप्रसाद गारू जी ने मुझे अपने हाथों से बुनकर G-20 का लोगो भेजा है। मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।
उन्होंने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं जो बच्चे कभी हाथ से कागज का हवाई जहाज बनाकर उड़ाया करते थे, उन्हें अब हवाई जहाज बनाने का मौका मिल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि 18 सितंबर को देश ने स्पेस सेक्टर में नया इतिहास बनते देखा। इस दिन भारत ने अपने पहले ऐसे राकेट को अंतरिक्ष में भेजा, जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर ने डिजाइन और तैयार किया था। स्पेस को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद, युवाओं के सपने साकार हो रहे हैं और रॉकेट बना रहे ये युवा मानो कह रहे हों- Sky is not the limit...
उन्होंने कहा कि ड्रोन के क्षेत्र में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में ड्रोन के जरिए सेब ट्रांसपोर्ट किए गए।
पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात शतक पूरा करने की ओर बढ़ रहा है। यह कार्यक्रम मेरे लिए 130 करोड़ देशवासियों से जुड़ने का एक और माध्यम है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के हर एपिसोड से पहले देश के लोगों की ओर से भेजे गए पत्रों को पढ़ना, उनके सुझावों को सुनना मेरे लिए एक प्रकार का आध्यात्मिक अनुभव होता है।