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लोगों ने अंबेडकर का मजाक उड़ाया, उन्हें पीछे धकेलने की कोशिशें कीं : मोदी

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नई दिल्ली , रविवार, 25 मार्च 2018 (14:42 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इस बात पर अफसोस जताया कि बहुत से लोगों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का मजाक उड़ाया और एक पिछड़े परिवार के बेटे को आगे बढ़ने से रोकने के लिए उनके रास्ते में तमाम तरह की बाधाएं खड़ी की गईं। लेकिन प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि आज का भारत पूरी तरह एक अलग भारत है, क्योंकि यह भारत गरीब और पिछड़े का भारत है। 
 
रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी, लालबहादुर शास्त्री, राममनोहर लोहिया, चरणसिंह और देवीलाल जैसे नेताओं की भूमिका की भी सराहना की जिन्होंने राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण पहलुओं में कृषि और किसान के महत्व को समझा था।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंबेडकर ने हमें यह दिखाया था कि सफल होने के लिए यह जरूरी नहीं कि एक व्यक्ति संपन्न और धनी-मानी परिवार में ही पैदा हो बल्कि भारत में गरीब परिवारों में जन्म लेने वाले भी सपने देख सकते हैं और सफलता हासिल करते हुए उन सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखते हैं। 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे स्वयं अंबेडकर के दर्शन का उदाहरण हैं- '... बहुत से लोगों  ने अंबेडकर का मजाक उड़ाया और उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की... हरसंभव प्रयास  किए गए कि एक गरीब और पिछड़े परिवार का बेटा जिंदगी में तरक्की न कर सके...  जिंदगी में सफल न हो सके और कहीं कुछ बन न जाए। लेकिन नए भारत की तस्वीर इससे एकदम अलग है। यह वह भारत है, जो अंबेडकर का भारत है, गरीब का भारत है, पिछड़े का भारत है।'
 
उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर की जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल से 5 मई तक 'ग्राम स्वराज अभियान' आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत पूरे भारत में ग्राम विकास, गरीब कल्याण और सामाजिक न्याय पर अलग-अलग कार्यक्रम होंगे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमने शासन के हर पहलू में सहकारी संघवाद और उससे आगे बढ़कर प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद के मंत्र को अपनाया है। डॉ. बाबा साहब अंबेडकर पिछड़े वर्ग से जुड़े मुझ जैसे करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। बाबा साहब ने संघवाद, संघीय व्यवस्था के महत्व पर बात की और देश के उत्थान के लिए केंद्र और राज्यों के साथ मिलकर काम करने पर बल दिया। 
 
मोदी ने कहा कि डॉ. बाबा साहब ही थे जिन्होंने जलशक्ति को राष्ट्रशक्ति के रूप में देखा। विभिन्न रिवर वैली अथॉरिटीज, जल से संबंधित अलग-अलग कमीशन ये सब बाबा साहब अंबेडकर की ही दृष्टि थीं। आज देश में जलमार्ग और बंदरगाहों के लिए ऐतिहासिक प्रयास  हो रहे हैं। 
 
मोदी ने दावा किया कि आज मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया इनिशिएटिव हमारे युवा इनोवेटर्स, युवा उद्यमी को जन्म दे रही हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का आत्मनिर्भरता में दृढ़ विश्वास था तथा वे नहीं चाहते थे कि कोई व्यक्ति हमेशा गरीबी में अपना जीवन जीता रहे। बाबा साहब अंबेडकर के विजन को आगे बढ़ाते हुए स्मार्टसिटी मिशन व अर्बन मिशन की शुरुआत की गई ताकि बड़े नगरों व छोटे शहरों में हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। (भाषा) 

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