कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मतुआ समुदाय के आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री हरिचंद ठाकुर को श्रद्धांजलि दी और कहा कि मौजूदा दौर में उनकी शिक्षाएं एवं सिद्धांत काफी महत्वपूर्ण हैं, जब भाषा और क्षेत्र के आधार पर समाज को बांटने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बंगाल में हुई हालिया हिंसा का जिक्र किया और बगैर नाम लिए ममता सरकार पर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री मोदी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ धमकी तथा हिंसा का इस्तेमाल करना लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। मतुआ एक पिछड़ा हिन्दू समुदाय है, जिसका एक वर्ग नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने की मांग कर रहा है।
बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में बच्चों और महिलाओं समेत 9 लोगों को जलाकर मार दिया गया था। आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत पदाधिकारी की हत्या का बदला लेने के लिए इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इस मामले की जांच कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई कर रही है। बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार अपराधियों को बचा रही है, वहीं टीएमसी का कहना है कि राज्य सरकार ने इस मामले में मजबूती से कार्रवाई की है।
मोदी ने उत्तर 24 परगना जिले में ठाकुरनगर के मतुआ धर्म महा मेला को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि श्री श्री हरिचंद ठाकुर की शिक्षाएं ऐसे वक्त में और महत्वपूर्ण हो जाती हैं, जब हम स्व हित के कारण हिंसा और भाषा एवं क्षेत्र के आधार पर समाज को विभाजित करने के प्रयास किये जाते देखते हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी को समाज में कहीं भी हिंसा, अराजकता की मानसिकता का विरोध करना चाहिए।