कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जोर देते हुए कहा कि बीरभूम जिले में हिंसा के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीरभूम जिले के एक गांव में मंगलवार को कथित तौर पर कुछ मकानों में आग लगा दी गई, जिसमें आठ लोगों की जल कर मौत हो गई।
ममता ने कहा कि वे स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरुवार को बोगतुई गांव का दौरा करेंगी, जहां एक ग्राम पंचायत उप प्रधान की हत्या के शीघ्र बाद कुछ मकानों में आग लगा दी गई थी।
ममता ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह हमारी सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा, वाम दलों और कांग्रेस की कोशिश है... बीरभूम की घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखते हों।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने थाना प्रभारी, उपसंभागीय पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया है। पुलिस महानिदेशक कल से ही जिले में हैं।
मुख्यमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि उन्हें जिले का अपना दौरा एक दिन के लिए स्थगित करना पड़ा क्योंकि वहां पहले से जुटे हुए अन्य राजनीतिक दलों के साथ वह नहीं उलझना चाहती थीं।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता घटनास्थल पर जाते समय 'लंगचा' (पड़ोसी बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ क्षेत्र में बनने वाली मिठाई) का स्वाद लेने के लिए रुक गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कल (बोगतुई गांव) जाऊंगी। मैं आज ही वहां गई होती, लेकिन कुछ राजनीतिक दल के लोग वहां जा रहे हैं। उनके लौटने तक मेरे जाने में देर हो जाती। जब वे (विपक्षी नेता) वहां होते, तब मैं वहां नहीं जाना चाहती। मैं कोई झगड़ा नहीं करना चाहती। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि उन्हें लंगचा का स्वाद लेने दीजिए और फिर रामपुरहाट जाने दीजिए।
ममता ने अन्य राज्य में हिंसा की पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के सांसदों को असम में हवाईअड्डे पर रोक दिया गया था, जहां वे एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) का विरोध करने गये थे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सांसदों को उत्तर प्रदेश में हाथरस और उन्नाव (जहां सामूहिक बलात्कार की घटनाएं हुई थी) में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं दी गई थी, लेकिन उनकी सरकार ने ऐसा कभी नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं। हमने हर किसी को बीरभूम जाने दिया।
उन्होंने कहा कि मैं बीरभूम हिंसा का बचाव नहीं कर रही, लेकिन इस तरह की घटनाएं उप्र, गुजरत, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में अक्सर हुआ करती हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने हालांकि कहा है कि उन्हें और उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों को घटनास्थल पर जाने से रोका गया।
बनर्जी ने कार्यक्रम के दौरान आरोप लगाया कि हिंसा की ऐसी घटनाएं पेट्रोल और अन्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि जैसे चिंताजनक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए रची गई साजिश का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मीडिया को इस(बीरभूम हिंसा) पर शोर-शराबा करते रहने को कहा है।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए ममता ने कहा, एक लाट साहेब यहां बैठे हुए हैं और बंगाल को सबसे खराब राज्य बता रहे हैं...राज्य सरकार की बुराई कर रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घटनास्थल का दौरा करने के लिए मंगलवार को पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसमें चार सांसद शामिल हैं।