पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में आगजनी की घटना पर सियासी संग्राम जारी है। हिंसा की घटना पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए ममता सरकार को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। हाईकोर्ट ने सख्ती से कहा कि मौके पर सबूत नष्ट नहीं होने चाहिए। हिंसा की इस घटना में करीब 10 लोगों की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने सरकार को गवाहों की सुरक्षा के निर्देश भी दिए हैं।
बीरभूम हिंसा मामले में बुधवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने रामपुरहाट इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से एक टीम आगजनी की घटना के दृश्य से नमूने एकत्र करने के लिए भेजी जाएगी।
हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि कोई सबूत नष्ट न होने दें। जिला अदालत और राज्य के डीजीपी को हर ग्रामीण और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। यदि कोई पोस्टमार्टम लंबित है, तो उसकी वीडियोग्राफी करनी होगी।
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इस केस की जांच लेने की बात भी कही थी। नेशनल एजेंसी ने कोर्ट को कहा कि अगर उच्च न्यायालय आदेश देता है तो वे इस मामले की जांच को ले सकते हैं।