नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पर चर्चा' के दौरान बच्चों से बड़े दोस्ताना अंदाज में बात शुरू की। उन्होंने कहा कि आप यह भूल जाइए कि आप किसी प्रधानमंत्री के साथ बात कर रहे हैं। मैं आपका दोस्त हूं आपके परिवार, आपके अभिभावक का दोस्त हूं। जानिए 10 खास बातें...
* जवाहर नवोदय विद्यालय मुंगेशपुर दिल्ली के छात्र गिरीश सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया, "पीएम महोदय मैं कक्षा ग्यारहवीं का छात्र हूं। अगले साल मेरी बोर्ड परीक्षा है और आपकी भी बोर्ड परीक्षा है क्योंकि लोकसभा चुनाव हैं। क्या मेरी तरह आप भी नर्वस हैं? इस पर मोदी ने कहा कि अगर मैं आपका शिक्षक होता तो आपको पत्रकार बनने की सलाह देता। क्योंकि जिस तरह घुमाकर आपने सवाल पूछा है वह कोई पत्रकार ही पूछ सकता है। उन्होंने कहा कि मैं नर्वस होकर नहीं उम्मीद के साथ आगे बढ़ता हूं।
* पीएम मोदी ने कहा, आप लोग टेंशन में हैं क्या? यह भूल जाइए कि आप प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं। यह सोचिए मैं आपको दोस्त हूं।
* नोएडा से कनिष्का वत्स ने पीएम से सवाल किया, 'अगर कोई स्टूडेंट पढ़ाई पर ध्यान लगाना चाहता लेकिन ध्यान बंटता है तो क्या करना चाहिए?' पीएम ने कहा कि हर व्यक्ति दिन में कोई न कोई ऐसा काम करता है जो बड़े ध्यान से करता है।
* अगर आप दोस्त के साथ बात कर रहे हैं और आपका प्रिय गाना चल रहा है। अब आपका ध्यान दोस्त के साथ चला गया। आप खुद पता लगाइए कि वे कौन सी बातें हैं जिनपर आप ध्यान देते हैं और पता करिए कि आप ऐसा क्यों करते हैं? अगर आप वही तरीका पढ़ाई में लगाएंगे तो ध्यान केंद्रित करने का दायरा बढ़ता जाएगा।
* स्कूल जाते वक्त यह दिमाग से यह निकाल दें कि आप परीक्षा देने जा रहे हैं। आप यह समझिए कि आप ही आपको अंक देने वाले हैं। इस भाव के साथ आप परीक्षा में बैठिए।
* दिल्ली से दीपशिखा और लद्दाख से छात्रा का सवाल, 'परीक्षा के दौरान मां बाप बच्चों पर दबाव बनाते हैं लेकिन संतुष्ट नहीं होते हैं। इससे बच्चों की अंदर की इच्छाएं मर जाती हैं।' पीएम ने मजाक में बच्चों से कहा, आप चाहते हैं कि मैं आज आपके पैरंट्स की क्लास लूं?
* मोदीजी ने कहा कि मैं अभिभावकों को अपील करता हूं कि आप बच्चों को सोशल स्टेटस न बनाएं। कोई भी बच्चा ऐसा नहीं होता जिसके अंदर कोई न कोई हुनर न होती हो। परिवार में एक खुला वातावरण होना जरूरी है। बेटा-बेटी जब 18 साल के हो जाएं तो उन्हें मित्र मानना चाहिए।
* इस कार्यक्रम में पीएम और छात्रों के बीच चर्चा का मुख्य विषय बोर्ड परीक्षा और परीक्षा से जुड़ी समस्याएं रहीं। जिसमें परीक्षा के दौरान तनाव और घबराहट जैसी स्थिति से छात्र कैसे निपटें, इस पर भी चर्चा हुई।
* मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मविश्वास जड़ी-बूटी नहीं है। उन्होंने कहा कि जीवन में सब कुछ है लेकिन आत्मविश्वास न हो तो कुछ नहीं कर सकते. मेहनत में ईमानदारी होनी चाहिए.
* प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ही छात्रों के लिए ‘एग्जाम वारियर’ नामक किताब लिखी है, जिसमे उन्होंने परीक्षा के लिए 25 मंत्र बताएं है, जिससे छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ेगा। इस किताब में पीएम मोदी ने यह संदेश दिया है कि परीक्षा कोई हौव्वा नहीं है। इससे डरने की कोई जरूरत नहीं होती है। यह किताब बाजार में उपलब्ध भी है।193 पन्नों की इस पुस्तक में परीक्षा की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों के लिए 25 अध्यायों में 25 नुस्खे दिए गए हैं। किताब के अंत में परीक्षार्थियों के लिए योगासन भी बताए गए हैं।