कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विपक्षी गठबंधन इंडिया पर घमंडिया कहकर निशाना साधे जाने के बाद गुरुवार को उन पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि वे सरकारी आयोजनों का इस्तेमाल विपक्ष को अपमानित करने के लिए कर रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया कि प्रधानमंत्री बीना में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। लेकिन इस अवसर पर उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह प्रधानमंत्री पद की गरिमा के अनुरूप बिल्कुल भी नहीं थी। उनका भाषण राजनीतिक विद्वेष से भरा हुआ था। उन्होंने इंडिया गठबंधन को लेकर कई तरह की हल्की बातें कही।
रमेश के अनुसार प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार से पहले बुंदेलखंड में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि राहुल गांधी की पहल पर तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए 7200 करोड रुपए का बुंदेलखंड पैकेज दिया था।
उन्होंने दावा किया कि जिस बीना रिफाइनरी से जुड़े कार्यक्रम में वह भाषण दे रहे थे उसका भूमि पूजन 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के समय हुआ था और उसका उद्घाटन मई 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने किया था। मैं फिर से दोहरा रहा हूं — प्रधानमंत्री ग़लती से भी सच नहीं बोल सकते।
रमेश ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री ने फिर से वही करना शुरू कर दिया है जिसमें वह माहिर हैं - अपमान करना। उन्होंने इंडिया के घटक दलों की पार्टियों को फिर से तथाकथित घमंडिया पार्टी कहा है। देखिए , बोल भी कौन रहा है ! वह व्यक्ति जो सरकारी आयोजन के अवसर का इस्तेमाल विपक्ष को अपमानित करने के लिए करते हैं।
उन्होंने दावा किया कि उनके स्तर पर जाकर उन्हीं की भाषा में यह कह सकते हैं कि वह जीए - एनडीए गठबंधन - गौतम अडाणी के एनडीए के प्रमुख हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस इंडिया को घमंडिया गठबंधन करार देते गुरुवार को आरोप लगाया कि इसके नेताओं ने सनातन संस्कारों और परंपराओं को समाप्त करने का संकल्प लिया है।
उन्होंने मध्यप्रदेश के बीना में 50,800 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में विपक्षी गठबंधन पर देश और समाज को विभाजित करने का आरोप भी लगाया।