अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को अपनी विरासत पर गर्व की पुनर्प्रतिष्ठा और विकास का नया अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि जिस तेज गति से यह काम हो रहा है वह पूरे देश को रोमांचित करने वाला है। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में अयोध्या से लता के भजन का कनेक्शन भी बताया।
अयोध्या में सरयू नदी के नजदीक स्थित लता मंगेशकर की 93वीं जयंती के अवसर पर उनके नाम पर एक चौक के लोकार्पण के अवसर पर प्रसारित अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक, राम भारत के कण-कण में समाये हुए हैं।
लता मंगेशकर के प्रसिद्ध भजन 'मन की अयोध्या तब तक सूनी, जब तक राम ना आए' का स्मरण करते हुए मोदी ने कहा, 'अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीराम आने वाले हैं और उससे पहले करोड़ों लोगों में राम नाम की प्राण प्रतिष्ठा करने वाली लता दीदी का नाम, अयोध्या शहर के साथ हमेशा के लिए स्थापित हो गया है।'
उन्होंने कहा कि लता चौक को जिस स्थान पर विकसित किया गया है वह अयोध्या में सांस्कृतिक महत्व के विभिन्न स्थानों को जोड़ने वाले प्रमुख स्थलों में से एक है।
उन्होंने कहा, 'लता दीदी के नाम पर चौक के निर्माण के लिए इससे बेहतर स्थान और क्या हो सकता है। जिस तरह अयोध्या ने कितने युगों के बाद भी राम को हमारे मन में साकार रखा है वैसे ही लता दीदी के भजनों ने हमारे अंतर्मन को राममय बनाए रखा है।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह लता दीदी हमेशा नागरिक कर्तव्यों को लेकर बहुत सजग रही हैं, वैसे ही लता मंगेशकर चौक भी अयोध्या में रहने वाले और वहां आने वाले लोगों को कर्तव्य परायणता की प्रेरणा देगा। यह चौक हमारे देश में कला जगत से जुड़े लोगों के लिए भी एक प्रेरणा स्थली की तरह कार्य करेगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि अयोध्या में जब राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन संपन्न हुआ था तब उनके पास लता मंगेशकर का फोन आया था और वह बहुत भावुक थीं तथा आनंद से भर गई थीं। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिरकार राम मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'भारत रत्न' लता मंगेशकर के नाम पर विकसित चौराहे का उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी भी मौजूद थे।
अयोध्या में सरयू नदी के किनारे पर स्थित लता मंगेशकर चौराहे को 7.9 करोड रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इस चौराहे पर 14 टन वजन की 40 फुट लंबी और 12 मीटर ऊंची वीणा स्थापित की गई है।