Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

इन खूबियों से लैस है देश की पहली परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत, दुश्मनों को कर देगी नेस्तनाबूद

हमें फॉलो करें इन खूबियों से लैस है देश की पहली परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत, दुश्मनों को कर देगी नेस्तनाबूद
, सोमवार, 5 नवंबर 2018 (16:13 IST)
नई दिल्ली। देश में बनी परमाणु शक्ति से चलने वाली और परमाणु हथियारों से लैस पहली पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने अपनी पहली गश्त सफलतापूर्वक पूरी कर रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ी उपलब्धि करार दिया है।
 
मोदी ने आज यहां 'स्ट्रेटजिक स्ट्राइक न्यूकलियर सबमैरिन' अरिहंत में पहली गश्त पूरी कर लौटे चालक दल के सदस्यों का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी। 
 
बाद में मोदी ने कहा कि यह देश की सुरक्षा के लिए बहुत बडा कदम है। यह भारत के दुश्मनों और शांति के दुश्मनों के लिए खुली चेतावनी है कि कोई किसी तरह का दुस्साहस न करे।

मोदी ने कहा कि इस बार की धनतेरस खास है और यह उपलब्धि दिवाली पर देश के लिए अनूठा उपहार है। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि देश में नाभिकीय त्रिकोण पूरा हुआ है। अब भारत ने इस तरह की पनडुब्बी का डिज़ाइन बनाने, उसके निर्माण तथा संचालन की क्षमता हासिल कर ली है और इसके साथ ही वह दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है। भारत का यह नाभिकीय त्रिकोण विश्व शांति और स्थिरता का महत्वपूर्ण स्तंभ होगा। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने परमाणु परीक्षणों की उपलब्धि को विश्वसनीय नाभिकीय त्रिकोण में बदलने का अत्यंत दुष्कर कार्य किया है। यह उनकी प्रतिभा, अनवरत प्रयासों तथा बहादुर सैनिकों के साहस और समर्पण से संभव हो पाया है। इससे नाभिकीय त्रिकोण स्थापित करने में भारत की क्षमता और दृढ़ता को लेकर उठाए जाने वाले सभी सवालों का जवाब मिल गया है।
 
मोदी ने कहा कि भारत के लोग शक्तिशाली देश बनाने और नए भारत का निर्माण करने की आकांक्षा रखते हैं, और इसके लिए उन्होंने अनेक चुनौतियों का सफलातपूर्वक सामना किया है। उन्होंने कहा कि सशक्त भारत न सिर्फ सवा सौ करोड़ से अधिक भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करेगा, बल्कि अनिश्चितता तथा आशंकाओं से भरे विश्व में शांति और स्थिरता के लिए आधार स्तंभ बनेगा।
 
अरिहंत की खूबियां
  • INS अरिहंत जल, थल और आकाश में परमाणु मिसाइल दागने में सक्षम वजन 6000 टन है
  • अरिहंत में 750 KM और 3500 KM की मिसाइलें शामिल
  • 15 मिसाइलें 750 किमी तक मार करने में सक्षम
  • 4 बैलिस्टिक मिसाइलें 3,500 किमी तक मार करेंगी
  • कलाम के नाम पर मिसाइलों को मिला कोडनेम 'K'
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार प्रकाश सिर्फ अंधकार को ही नहीं मिटाता बल्कि भय को भी दूर करता है, उसी प्रकार आईएनएस अरिहंत भी देश को भय से दूर रखेगी। 
 
उन्होंने कहा कि देश में ही इस तरह की पनडुब्बी का निर्माण और इसके सफल संचालन की क्षमता भारत के प्रोद्योगिकीय सामर्थ्य तथा सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों के बीच अभूतपूर्व समन्वय का प्रतीक है। उन्होंने सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों को देश की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने वाली इस उपलब्धि के लिए समपर्ण और प्रतिबद्धता के साथ काम करने के लिए धन्यवाद दिया।
 
मोदी ने कहा कि एक ज़िम्मेदार राष्ट्र के रूप में भारत ने नाभिकीय कमान प्राधिकरण के तहत प्रभावशाली सुरक्षा व्यवस्था और पूर्ण रूप से राजनैतिक नियंत्रण के तहत एक मजबूत परमाणु कमान और नियंत्रण संरचना स्थापित की है। भारत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों के अनुसार विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता और परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करने की अपनी नीति के प्रति वचनबद्ध है। 
 
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस उपलब्धि को ऐतिहासिक करार देते हुए इस अभियान से जुडे लोगों को बधाई दी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

धनतेरस पर खरीदारी से सोना चमका, चांदी भी उछली