Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : 22 गांव के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा खत, आज होते सरदार तो रो पड़ते...

हमें फॉलो करें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : 22 गांव के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा खत, आज होते सरदार तो रो पड़ते...
, मंगलवार, 30 अक्टूबर 2018 (12:55 IST)
गुजरात के अहमदाबाद में सरदार सरोवर डेम के पास दुनिया की सबसे ऊंची 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति का अनावरण 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करने वाले हैं। 182 फुट ऊंची पटेल की इस मूर्ति को 'स्टैच्यू  ऑफ यूनिटी' नाम दिया गया है। मूर्ति को लेकर 22 गांव के लोगों ने प्रधानमंत्री को खुला खत लिखा है। इसमें गांववालों ने लिखा है कि सरदार पटेल अगर जीवित होते तो वे तोड़फोड़ देखकर रो पड़ते।
 
मोदी सरकार 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' का जोर-शोर से प्रचार कर रही हो। इसका जिक्र प्रधानमंत्री ने जापान दौरे पर भी किया था, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें मूर्ति निर्माण को लेकर नाराजगी है। अहमदाबाद के कुल 22 गांव के लोगों ने ' स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुला खत लिखा है।
 
पटेल की मूर्ति के लिए सरदार सरोवर डैम पर बहुत तोड़फोड़ की गई है। इसे लेकर गांववालों में नाराजगी है। गांववालों का कहना है कि अगर सरदार पटेल आज जिंदा होते, तो मूर्ति के लिए हुए भारी तोड़फोड़ को देखकर रो पड़ते।
webdunia
गांववालों ने चिट्ठी में 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत नहीं करने की बात कही है।  गांववासियों ने आरोप लगाया कि आम आदमी कितनी मेहनत से पैसे कमाता है और टैक्स चुकाता है, लेकिन सरकार मूर्ति जैसे प्रोजेक्ट पर पानी की तरह पैसा बहा देती है जबकि अहमदाबाद के कई गांवों में अभी बुनियादी सुविधाएं ही नहीं पहुंची हैं। ऐसे में क्या सरकार को मूर्ति की बजाय गांव की बुनियादी सुविधाओं जैसे पीने के पानी, अस्पताल, स्कूल बनाने पर पैसे नहीं खर्च करने चाहिए थे? 
 
गौरतलब है कि सरदार पटेल की मूर्ति के लिए 2989 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। करीब 2500 मजदूरों और 200 इंजीनियरों ने इस मूर्ति को बनाया है। इसमें ज्यादातर चीनी मजदूर और विशेषज्ञ शामिल हैं। 22 गांववालों के अलावा स्थानीय जनजाति नेताओं ने भी सरदार पटेल की मूर्ति के अनावरण समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। लोगों ने आरोप लगाया कि जिस तरह से एक मूर्ति के प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी की गई, तोड़फोड़ हुई, इसे सहन नहीं किया जा सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मध्यप्रदेश दौरे में राहुल गांधी हुए 'कन्फ्यूज', शिवराज पुत्र पर पहले लगाए आरोप, फिर बोले...