नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश की आजादी के आंदोलन में मैं भी शामिल हुआ था और मैंने भी सत्याग्रह किया था। इसके लिए मैं जेल भी गया था। इस अवसर पर मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान को मरणोपरांत गांधी शांति पुरस्कार दिया है। रहमान की बेटी और पीएम शेख हसीना को मोदी ने भारत की ओर से यह सम्मान प्रदान किया।
दो दिन की यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम आंदोलन एक जिंदगी के पहले आंदोलनों में से एक है। उस समय मेरी उम्र 20-22 साल थी। मेरे साथ मेरे कई अन्य साथियों ने भी बांग्लादेश की आजादी से जुड़े आंदोलन में हिस्सेदारी की थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने जो अत्याचार किए थे, वे विचलिच करने वाले थे। इन अत्याचारों ने मुझे कई दिनों तक सोने नहीं दिया।
भारतीय सैनिकों को याद किया : मोदी ने उन भारतीय सैनिकों को याद किया जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए खून बहाया। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश की की चुनौतियां भी साझी हैं, हमें साथ चलना होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारों ने दिखा दिया है कि आपसी विश्वास से हर मुद्दे का समाधान हो सकता है।
मोदी ने कहा कि कोरोना काल में दोनों देशों के बीच शानदार तालमेल रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है भारत में बनी कोरोना वैक्सीन बांग्लादेश के बंधुओं के काम आ रही है।