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पीएनबी में हुआ सबसे बड़ा घोटाला, जानिए 10 खास बातें...

हमें फॉलो करें पीएनबी में हुआ सबसे बड़ा घोटाला, जानिए 10 खास बातें...
, गुरुवार, 15 फ़रवरी 2018 (09:11 IST)
पंजाब नेशनल बैंक ने बुधवार को खुलासा किया कि उसने 1.77 अरब डॉलर (करीब 11,400 करोड़ रुपए) के घोटाले को पकड़ा है। यह बैंकिंग सेक्टर का सबसे बड़ा घोटाला है। जानिए इस घोटाले से जुड़ी 10 खास बातें... 
 
हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने रची साजिश : ये लेनदेन नीरव मोदी के भाई निशाल, पत्नी एमी और मेहुल चिनूभाई चोकसी ने किए हैं। अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी (46) ने बैंक की मुंबई शाखा से धोखाधड़ी वाला गारंटी पत्र (एलओयू) हासिल कर अन्य भारतीय ऋणदाताओं से विदेशी ऋण हासिल किया। मोदी के आभूषण दुनिया भर की हस्तियों में काफी लोकप्रिय हैं। मोदी के खिलाफ पहले से ही पीएनबी की एक शाखा में कथित रूप से 280 करोड़ रुपए की जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले की सीबीआई जांच चल रही है।
 
इस बैंक अधिकारी ने जारी किया एलओयू : जिन बैंक अधिकारियों का नाम इस मामले में आया है उनमें उप प्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी भी शामिल हैं, जो 31 मार्च 2010 से पीएनबी के मुंबई में विदेशी विनिमय विभाग में कार्यरत थे। कथित रूप से शेट्टी ने एक अन्य अधिकारी मनोज खारत के साथ मिलकर ये धोखाधड़ी वाले एलओयू जारी किए।
 
सीबीआई में शिकायत : पीएनबी ने सीबीआई के पास पिछले हफ्ते एफआईआर दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में पीएनबी ने तीन हीरा कंपनियों डायमंड्स आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स का नाम लिया था। शिकायत में कहा गया था कि उन्होंने 16 जनवरी को बैंक से विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान को खरीदार ऋण के लिए संपर्क किया था। बैंक ने एलओयू जारी करने के लिए प्रतिशत का नकद मार्जिन मांगा था जिसका इन कंपनियों ने विरोध करते हुए कहा था कि वे यह सुविधा 2010 से प्राप्त कर रही हैं। उस समय बैंक ने कहा था कि वह रिकॉर्डों की जांच कर रहा है जिससे पता चल सके कि घोटाला कितना बड़ा है।
 
इन बैंकों ने दिया गारंटी पत्रों के आधार पर कर्ज : समझा जाता है कि यूनियन बैंक आफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने पीएनबी के गारंटी पत्रों के आधार पर कर्ज दिया। विदेशी बैंक शाखाएं भी जांच के घेरे में हैं। हालांकि पीएनबी ने अपनी शिकायत में किसी बैंक का नाम नहीं लिया। 
 
2010 से चल रहा था मामला : पीएनबी ने बुधवार सुबह सेबी को इस मामले की सूचना दी। इस सूचना के बाद वित्त मंत्रालय और बैंकिंग क्षेत्र में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि यह मामला 2010 से चल रहा था।  
 
दस अधिकारी निलंबित : इस पूरे घोटाले को बैंक अधिकारियों की मदद से अंजाम दिया गया। पीएनबी ने मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए दस बैंक अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। 
 
पीएनबी ने अन्य बैंकों को चेताया : पीएनबी ने 11,400 करोड़ रुपये की फर्जीवाड़ा की चपेट में आने के बाद दूसरे बैंकों को इस तौर-तरीके को लेकर सावधान किया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच से यह पता चला है कि मुंबई में हमारी शाखाओं के कर्मचारियों के साथ सांठगांठ करके साजिशकर्ताओं ने संदिग्ध फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया।
 
क्या बोली सरकार : वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि यह एक अकेला मामला है और इससे अन्य बैंकों पर असर नहीं होगा। सभी बैंकों से जल्द से जल्द स्थिति रिपोर्ट देने को कहा गया है। 
 
2015 में भी हुआ था इस तरह का मामला : वर्ष 2015 में बैंक ऑफ बड़ौदा में भी दिल्ली के दो कारोबारियों द्वारा 6,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था।
 
सेबी इस तरह कस सकता है शिकंजा : बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुई 11 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में कई आभूषण कंपनियों समेत बैंकों द्वारा खुलासा करने में हुई खामियों की जांच करेगा। अधिकारियों ने बताया कि सेबी और शेयर बाजार इन कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के कारोबारी आंकड़े का विश्लेषण करेंगे। इनमें से कुछ भेदिया कारोबार एवं अन्य उल्लंघन को लेकर पहले ही जांच के घेरे में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना के बाद नियामक ऋण के डिफॉल्ट होने की स्थिति में इसकी जानकारी एक दिन के भीतर देना अनिवार्य बनाने पर मजबूर हो सकता है।
 
आभूषण कंपनियां जांच के घेरे में : इस घोटाले में कई बड़ी आभूषण कंपनियां मसलन गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र भी विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनकी विभिन्न बैंकों से सांठगाठ और धन के अंतिम इस्तेमाल की जांच कर रहे हैं। इन कंपनियों से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

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