आश्चर्य की बात है कि 2011 में शुरू हुए पंजाब नेशनल बैंक का घोटाले को सामने आने में आठ साल लग गए। लेकिन, जब 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का यह घोटाला सामने आया तो पूरा देश चौंक गया।
घोटाला सामने आने के बाद पंजाब नेशनल बैंक की ओर से पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैंक के एमडी सुनील मेहता ने कहा कि जैसे ही हमें इस घोटाले की खबर लगी हमने इस संबंध में 20 जनवरी को सीबीआई और संबंधित एजेंसियों को बताया और 30 जनवरी को इस मामले में केस दर्ज हो गया।
उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और बैंक इस मामले में सख्त कार्रवाई कर रहा है। घोटाले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों में से कुछ को निलंबित किया गया है, जबकि कुछ के खिलाफ कार्रवाई जारी है। हम किसी भी गलत काम को बढ़ावा नहीं देंगे।
मेहता ने कहा कि हमारी एफआईआर के बाद संबंधितों के खिलाफ छापे की कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि यह घोटाला कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ है। जनवरी के तीसरे हफ्ते में यह मामला सामने आया। हमने सेबी को भी इस मामले की पूरी जानकारी दी है साथ ही हम इस मामले में शामिल किसी भी कर्मचारी को बख्शेंगे नहीं।
बैंक एमडी ने कहा कि इस बारे में तत्काल पता इसलिए नहीं चल पाया क्योंकि आरोपी कर्मचारियों ने इस लेनदेन को सिस्टम में नहीं डाला। अब हम सिस्टम को ठीक करने का पूरा प्रयास करेंगे ताकि इस तरह गड़बड़ियां फिर न हों। साथ ही यह मामला बैंक की एक ही शाखा से जुड़ा है। हमने बाकी शाखाओं में भी पड़ताल कर ली है। दअरअसल, एक ग्राहक के केस की पड़ताल के दौरान यह मामला सामने आया।