Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Kisan Andolan : पुलिस ने दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर लगाए कांक्रीट के अवरोधक

हमें फॉलो करें Kisan Andolan : पुलिस ने दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर लगाए कांक्रीट के अवरोधक
, सोमवार, 30 नवंबर 2020 (22:00 IST)
नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ने के बीच उत्तर प्रदेश से लगते दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा मजबूत कर दी है और कांक्रीट के अवरोधक लगा दिए हैं। वहीं हजारों किसान सोमवार को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पांचवें दिन भी डटे रहे। राष्ट्रीय राजधानी को दूसरे हिस्सों से जोड़ने वाले कई अन्य राजमार्गों को भी अवरुद्ध करने की किसानों की चेतावनी के बीच सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

सिंघू और टीकरी बॉर्डर दोनों जगह शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन जारी है तथा पिछले दो दिन से किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं मिली है, लेकिन पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से और किसानों के पहुंचने से गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई है।

प्रदर्शनकारियों ने उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केन्द्र के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए कहा है कि वे कोई सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए एक बैठक बुलाई। वहीं शनिवार को बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान पहुंचे किसानों का प्रदर्शन वहां जारी है।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि यूपी गेट के पास गाजीपुर बॉर्डर पर स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने कहा, प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में घुसने से रोकने के लिए सीमेंट के अवरोधक लगाए गए हैं। अधिकारी ने कहा, प्रदर्शनकारी बुराड़ी मैदान नहीं जाना चाहते और अपना प्रदर्शन जंतर-मंतर पर करना चाहते हैं।

पुलिस ने हालांकि कहा कि दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को सील नहीं किया गया है। पांच दिन से टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल सुखविंदर सिंह ने कहा कि किसान दिल्ली की सीमाओं पर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे क्योंकि वे बुराड़ी मैदान नहीं जाना चाहते।

सिंह ने कहा, कम से कम छह महीने तक रहने के लिए हमारे पास पर्याप्त राशन है। हम बुराड़ी नहीं जाना चाहते। यदि हम यहां से जाएंगे तो केवल जंतर-मंतर जाएंगे। हम कहीं और जगह प्रदर्शन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वे केंद्र से बातचीत को तैयार हैं, लेकिन यदि बातचीत से कोई समाधान नहीं निकलता है तो वे दिल्ली की तरफ जा रहे सभी मार्गों को अवरुद्ध कर देंगे।

सिंह ने कहा, हम यहां (टीकरी बॉर्डर) से तब तक नहीं जाएंगे जब तक कि हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। हम ठंड का सामना करने को तैयार हैं, हम आगे किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। सिंघू बॉर्डर पर एक चिकित्सा शिविर भी लगाया गया है, जो दो डॉक्टरों द्वारा संचालित किया जा रहा है।

गुरुग्राम से पहुंचीं डॉक्टर सारिका वर्मा ने कहा, हम आज यहां आए हैं। हम अपने स्तर पर किसानों की मदद कर रहे हैं। हमारे पास रक्तचाप संबंधी दवाएं, पैरासिटामोल, क्रोसिन और अन्य दवाएं हैं। वर्मा ने कहा, किसान कोविड-19 के बारे में अधिक जागरूक नहीं हैं। उनमें से अनेक ने मास्क नहीं पहन रखा है जिससे मानव जीवन को खतरा पैदा होता है। हम खासकर उन लोगों को मास्क बांट रहे हैं, जो बुजुर्ग हैं या जिनको खांसी है।

दूसरे डॉक्टर करण जुनेजा ने कहा कि उन्होंने 300 किसानों को साधारण दवाएं बांटी हैं और प्रदर्शन स्थल पर कोविड-19 संबंधी जांच किए जाने की आवश्यकता हैप्रदर्शन के कारण दिल्ली में यातायात प्रभावित हो रहा है।दिल्ली यातायात पुलिस ने सोमवार सुबह लोगों को सिंघू और टीकरी बॉर्डर के बंद रहने की जानकारी देते हुए कहा कि वे अन्य मार्गों का इस्तेमाल करें।
 
इसने ट्वीट किया, सिंघू बॉर्डर अब भी दोनों ओर से बंद है। कृपया दूसरे मार्ग से जाएं। मुकरबा चौक और जीटीके रोड पर यातायात परिवर्तित किया गया है। भयंकर जाम लगा है। कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और रोहिणी से सिग्नेचर ब्रिज, जीटीके रोड, एनएच-44 और सिंघू बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड मार्ग पर जाने से बचें।

इसने अन्य एक ट्वीट में कहा, टीकरी बॉर्डर पर भी यातायात बंद है। हरियाणा के लिए सीमावर्ती झाड़ौदा, ढांसा, दौराला झटीकरा, बडूसरी, कापसहेड़ा, राजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं।

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों से बुराड़ी मैदान पहुंचने की अपील की थी और कहा था कि वहां पहुंचते ही केन्द्रीय मंत्रियों का एक उच्चस्तरीय दल उनसे बातचीत करेगा। कृषकों के 30 से अधिक संगठनों की रविवार को हुई बैठक में किसानों के बुराड़ी मैदान पहुंचने पर तीन दिसंबर की तय तारीख से पहले वार्ता की केन्द्रीय गृहमंत्री की पेशकश पर बातचीत की गई, लेकिन हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और सर्दी में एक और रात सिंघू तथा टीकरी बॉर्डरों पर डटे रहने की बात कही।

उनके प्रतिनिधियों ने कहा था कि उन्हें शाह की यह शर्त स्वीकार नहीं है कि वे प्रदर्शन स्थल बदल दें। उन्होंने दावा किया कि बुराड़ी मैदान एक ‘खुली जेल’ है। केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शनिवार को 32 किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में ठंड के मौसम और कोविड-19 की परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा था कि किसानों को बुराड़ी मैदान जाना चाहिए, जहां उनके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

भल्ला ने पत्र में कहा था, आपके बुराड़ी मैदान पहुंचते ही, अगले दिन केन्द्रीय मंत्रियों का एक उच्चस्तरीय दल विज्ञान भवन में सभी किसान संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा, जिनसे पूर्व में भी बात हो चुकी है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

एक 'गलत' क्लिक से IIT Bombay में नहीं मिला एडमिशन, खटखटाया Supreme Court का दरवाजा