मुंबई/ चेन्नई। हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के जघन्य मामले के बाद पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर और सजग हुई है। इसी के तहत महाराष्ट्र के नागपुर शहर और तमिलनाडु की पुलिस ने रात के समय सुनसान जगह पर अकेली फंसी महिला को घर तक पहुंचाने के लिए मदद मुहैया कराने की पहल की है। नागपुर के पुलिस कमिश्नर और तमिलनाडु के डीजीपी ने बुधवार को यह घोषणा की।
नागपुर के पुलिस आयुक्त भूषण कुमार उपाध्याय ने कहा कि हैदराबाद की घटना के बाद महिलाओं का विश्वास बढ़ाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था।
निर्देश के अनुसार, रात नौ बजे से सुबह पांच बजे के बीच अगर कोई महिला 100 नंबर पर फोन करती है, या सुरक्षित यातायात का विकल्प नहीं होने की स्थिति में किसी खास जगह जाने के लिए पास के पुलिस थाने को फोन करती है तो बीट मार्शल उसकी मदद के लिए उस जगह पर पहुंचेंगे और जरूरत पड़ने पर महिला पुलिसकर्मी के साथ एक पुलिस वाहन उसे उसके निश्चित जगह पर छोड़ेगा।
अधिकारी ने कहा कि नागपुर में कामकाजी महिलाओं की तादाद बढ़ रही है और उनके लिए यह पहल बहुत मददगार होगी।
आयुक्त उपाध्याय ने कहा कि घटना के बाद महिलाएं दहशतजदा हैं। उनका विश्वास बढ़ाने की जरूरत है और इस कदम के साथ वह सुरक्षित महसूस करेंगी। उन्होंने कहा कि इस कवायद पर हमें महिलाओं से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
उधर, बुधवार को तमिलनाडु के डीजीपी जे के त्रिपाठी ने भी मुश्किल में फंसी महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांग जनों का फोन आने पर उस पर पुलिसकर्मियों को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसका पालन नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी ने कहा कि हैदराबाद की घटना पुलिस विभाग को तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचे की आवश्यकता और संकट की सूचना वाले फोन पर तुरंत कार्रवाई का स्मरण कराती है। पुलिस आयुक्तों, अधीक्षकों समेत अधिकारियों को भेजे परिपत्र में उन्होंने संकट में घिरी महिलाओं को बचाने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की सलाह दी।
त्रिपाठी ने कहा कि अधिकारियों को फोन, एसएमएस या मदद की मांग वाली सूचना पर तुरंत कार्रवाई के बारे में उनके मातहत पुलिसकर्मियों के बीच जागरुकता फैलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संकट में घिरी महिला की सूचना से संबंधित हर मामले में पुलिसकर्मियों को निश्चित रूप से तुरंत प्रभावी तरीके से काम करना चाहिए। अगर कोई पुलिसकर्मी ऐसा नहीं करता है तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। (भाषा)